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नेहरू के 1947 के भाषण से शुरू हुई अर्थव्यवस्था की बदहाली: विश्वास सारंग

By भाषा | Updated: July 31, 2021 23:44 IST

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भोपाल, 31 जुलाई मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के एक मंत्री ने शनिवार को कहा कि महंगाई की समस्या एक या दो दिन में नहीं पैदा होती। उन्होंने आगे कहा कि 15 अगस्त 1947 को लाल किले से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दिए गए भाषण की ''गलतियों'' से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई।

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग देश में बढ़ती महंगाई और कीमतों पर कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन करने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए सारंग ने आरोप लगाया, ‘‘ देश की आजादी के बाद अर्थव्यवस्था को पंगु बना कर महंगाई बढ़ाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह नेहरू परिवार है। महंगाई एक-दो दिन में नहीं बढ़ती। अर्थव्यवस्था की नींव एक-दो दिन में नहीं रखी जाती है। 15 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर से (प्रथम प्रधानमंत्री) जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषण की गलतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई।’’

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात सालों में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।

सारंग ने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीबों के कल्याण और अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी के लिए योजनाएं शुरू की हैं जबकि कांग्रेस के शासन के दौरान अर्थव्यवस्था कुछ उद्योगपतियों के हाथ में थी। मंत्री ने दावा किया कि भाजपा शासन के दौरान महंगाई कम हुई है और लोगों की आय बढ़ी है।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 10 जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आवास) के सामने विरोध-प्रदर्शन करना चाहिए।

बाद में पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सारंग ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी लेकिन नेहरू ने इसकी उपेक्षा की।

मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारी आबादी का 70 फीसदी हिस्सा कृषि पर निर्भर है, लेकिन उन्होंने (नेहरू) इस क्षेत्र की परवाह नहीं की। गांव की अर्थव्यवस्था टिकाऊ और आत्मनिर्भर थी। उन्होंने इसमें अपनी पश्चिमी मानसिकता डाली और गांव की अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया।’’

सारंग ने आरोप लगाया, '' वर्तमान स्थिति के लिए नेहरू की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। औद्योगीकरण ठीक था लेकिन इसे कृषि आधारित होना चाहिए था। यदि औद्योगीकरण कृषि आधारित होता तो हमारी स्थिति अलग होती।''

सारंग ने कहा, ''कश्मीर विवाद, आंतरिक सुरक्षा और सीमा पार मुद्दे जैसी समस्याएं जो नेहरू के समय से चली आ रही थीं, अब भी नी हुई हैं और इसने हमारी अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है।''

उन्होंने यह भी दावा किया कि नेहरू की कैबिनेट ने नदी जोड़ने की एक परियोजना का प्रस्ताव रखा था। इस परियोजना के लागू होने से देश का भविष्य हमेशा के लिए उज्जवल हो जाता तथा कृषि पर निर्भर देश पूरी तरह सिंचित हो जाता।

भाजपा नेता ने कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में होती, यदि कांग्रेस और नेहरू ने अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में छोड़ा होता और औद्योगीकरण कृषि पर आधारित होता।

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने सारंग की टिप्पणी पर कटाक्ष किया। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा, ‘‘ शिवराज (मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान) सर्कस के योग्य मंत्री विश्वास सारंग 1947 में नेहरू के भाषण को देश की महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तब सारंग का जन्म भी नहीं हुआ था। विभाग के मंत्री के तौर पर क्या सारंग बता सकते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान बिस्तरों, ऑक्सीजन और रेम्डेसिवीर टीके की कमी के कारण हुई हजारों लोगों की मौत के लिए भी क्या नेहरू जिम्मेदार थे?’’

कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार का मंत्रालय अजीबोगरीब लोगों से भरा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ एक मंत्री मरम्मत के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ जाता है, एक मंत्री कहता है कि एक जोड़े के कितने बच्चे होने चाहिए, तो एक मंत्री कहता है कि सेल्फी लेने के लिए उसे पैसे चाहिए और अब एक मंत्री 75 साल पहले दिए गए भाषण को आज की महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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