प्रयागराज, 21 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए मंगलवार को कहा कि महिलाएं लड़कियों के लिए शादी की उम्र 21 साल करने के सरकार के फैसले से खुश हैं, लेकिन इससे कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है।
मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए गए 30 लाख मकानों में से 25 लाख उत्तर प्रदेश में महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि यह "महिलाओं के सच्चे सशक्तिकरण" के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कन्याओं को आगे पढ़ने और बढ़ने का अवसर मिले, इसलिए केंद्र ने उनके विवाह की आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रयास किया। लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, यह सब देख रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उर रहमान और एसटी हसन ने विवाह की कानूनी उम्र बढ़ाने की केंद्र की पहल की आलोचना की थी। हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुद को इन सांसदों के बयान से यह कहते हुए अलग किया था कि सपा एक प्रगतिशील पार्टी है और सांसदों के विचार व्यक्तिगत हैं।
बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 मंगलवार को संसद में पेश किया गया जिसमें महिला और पुरूष दोनों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष करने का प्रावधान किया गया है।
मोदी ने राज्य की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पांच साल पहले राज्य की सत्ता में ‘गुंडों’ की हनक हुआ करती थी, लेकिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने उन गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचा दिया है।’’
प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला लाभार्थियों के खातों में हजारों करोड़ रुपये अंतरित करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पांच साल पहले राज्य में गुंडों से सबसे अधिक परेशान यहां की बहन-बेटियां होती थीं। उनका सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल कॉलेज जाना मुश्किल था। थाने जाने पर अपराधी की सिफारिश में फोन आ जाता था।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, “मुस्लिम बहनों को अत्याचार से बचाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून हमारी ही सरकार ने बनाया। बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के डबल इंजन की सरकार बेटियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत देशभर के घरों की ड्रोन से तस्वीर लेकर घर के मालिक को संपत्ति के दस्तावेज दिये जा रहे हैं जिसमें घरों की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार में भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है और मुद्रा योजना में मिले कुल ऋण में से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह वास्तव में राष्ट्रीय सहायता समूह हैं। प्रधानमंत्री ने यहां 1,60,000 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दो लाख महिलाओं के खाते में 1,000 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। साथ ही मुख्यमंत्री सुमंगला योजना के तहत एक लाख एक हजार लाभार्थियों के खाते में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की गई है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के 45 जिलों के लिए 202 ‘टेक होम राशन संयंत्रों’ का उद्घाटन भी किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से पहले बीसी (बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) सखियों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां कहावत है कि जो प्रत्यक्ष है, उसे साबित करने के लिए प्रमाण की जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, उसे पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुमंगला योजना के कारण लिंग अनुपात बहुत सुधरा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गरीब परिवारों में मातृत्व स्वास्थ्य चिंता का कारण रहा है। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रख सकें, इसके लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के खाते में 5,000 रुपये जमा किए जाते हैं। अभी तक दो करोड़ से अधिक बहनों को लगभग 10,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
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