बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले का अधिक असर जेएनयू एवं जामिया की प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा

By भाषा | Updated: June 2, 2021 19:17 IST2021-06-02T19:17:31+5:302021-06-02T19:17:31+5:30

The decision to cancel the board exam will not have much effect on the admission process of JNU and Jamia. | बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले का अधिक असर जेएनयू एवं जामिया की प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा

बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले का अधिक असर जेएनयू एवं जामिया की प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा

नयी दिल्ली, दो जून बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले का बहुत अधिक असर जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा क्योंकि तीनों विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय और आम्बेडकर विश्वविद्यालय अंक आधारित प्रवेश प्रक्रिया के लिए सीबीएसई के मानदंडों का इंजतार कर रहे हैं।

सरकार ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालात के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि यह फैसला विद्यार्थियों के हित में लिया गया है और विद्यार्थियों एवं अभिभावकों में इस संदर्भ में पशोपेश का अंत होना चाहिए।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति पीसी जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और अकादमिक परिषद के साथ स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने को लेकर चर्चा की जाएगी।

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले 98 प्रतिशत विद्यार्थी सीबीएसई के होते हैं।

जोशी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘योग्यता निर्धारित करने के लिए कोई रास्ता होगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय समान प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) बेहतर पद्धति हो सकती है क्योंकि यह अखिल भारतीय स्तर पर होती है। डीयू योग्यता से समझौता नहीं करेगा। हम नयी परिस्थिति से तालमेल बिठाएंगे और देखेंगे कि कौन सी पद्धति विकसित की जा सकती है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि बोर्ड विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने के लिए किस तरह के मानदंड अपनाता है।’’

जोशी सीयूसीईटी समिति के सदस्य हैं जिसने अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए समान प्रवेश परीक्षा कराने पर फैसला लंबित है।

डीयू की तरह 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश देने वाले आम्बेडकर विश्वविद्यालय ने भी बयान में कहा, ‘‘यह समय से सरकार द्वारा लिया गया स्वागत योग्य फैसला है।’’

आम्बेडर विश्वविद्यालय ने कहा, ‘‘इससे विश्वविद्यालय को समय से प्रवेश प्रक्रिया संपन्न करने और अगले शैक्षणिक सत्र को समय पर शुरू करने में मदद मिलेगी। सीबीएसई 12वीं कक्षा के नतीजे उपलब्ध कराएगा। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया योग्यता आधारित होगी जैसा पिछले शैक्षणिक सत्र तक किया गया है।’’

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई), जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और इंद्रप्रस्थ विश्विद्यालय प्रवेश परीक्षा कराते हैं और उनका कहना है कि बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले से उनकी प्रवेश प्रक्रिया पर बहुत अधिक असर नहीं होगा।

जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि सदी में एक बार कोविड-19 महामारी जैसी उत्पन्न स्थिति पर गौर करने के पश्चात 12वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर लिया गया फैसला ‘‘ व्यावहारिक और तार्किक’’ है। विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।

जेएमआई के मीडिया समन्वयक और जनसंपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने कहा कि प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश होगा।

इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति महेश वर्मा ने कहा कि बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का असर प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यहां प्रवेश ऑनलाइन समान प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के आधार पर दिया जाता है।

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Web Title: The decision to cancel the board exam will not have much effect on the admission process of JNU and Jamia.

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