नयी दिल्ली, 11 दिसंबर पंजाब सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से पहले के 15 किलोमीटर की तुलना में 50 किलोमीटर के बड़े हिस्से में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि बीएसएफ का क्षेत्रीय अधिकार बढ़ाना राज्यों के संवैधानिक अधिकारक्षेत्र का अतिक्रमण है।
पंजाब सरकार ने कहा, “यह प्रतिवेदित किया जाता है कि 11 अक्टूबर, 2021 की अधिसूचना संविधान के विपरीत है क्योंकि यह भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-2 की प्रविष्टि 1 और 2 के उद्देश्य को निष्फल करती है और सार्वजनिक व्यवस्था एवं आंतरिक शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक या संबंधित मुद्दों पर कानून बनाने के वादी के पूर्ण अधिकार का अतिक्रमण करती है।”
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संदर्भ में 11 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें जुलाई, 2014 के प्रावधान में संशोधन किया गया था।
केंद्र ने पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया था जबकि पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करने वाले गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के दायरे को 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर किया गया था जबकि राजस्थान में इसमें कोई बदलाव किए बिना इसे 50 किलोमीटर ही रखा गया है।
इस मुद्दे को लेकर विवाद खड़ा हो गया क्योंकि विपक्ष शासित पंजाब और पश्चिम बंगाल ने इस कदम की निंदा की तथा संबंधित राज्य विधानसभाओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया।
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