फ्लाई एश अधिसूचना पर जवाब के लिए और समय मांगने संबंधी याचिका पर अदालत ने केंद्र का जानना चाहा रुख

By भाषा | Updated: May 19, 2021 13:02 IST2021-05-19T13:02:25+5:302021-05-19T13:02:25+5:30

The court sought to know the Centre's stand on the plea seeking more time for reply on the fly ash notification. | फ्लाई एश अधिसूचना पर जवाब के लिए और समय मांगने संबंधी याचिका पर अदालत ने केंद्र का जानना चाहा रुख

फ्लाई एश अधिसूचना पर जवाब के लिए और समय मांगने संबंधी याचिका पर अदालत ने केंद्र का जानना चाहा रुख

नयी दिल्ली, 19 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्लाई एश के उपयोग पर मसौदा अधिसूचना का जवाब देने के लिए जनता को दिए गए समय की अवधि को 31 अक्टूबर तक बढ़ाने संबंधी याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस जारी कर याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख यानि 16 जुलाई तक अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।

याचिकाकर्ता संजय कुमार ने दलील दी कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 22 अप्रैल को जारी मसौदा अधिसूचना फ्लाई एश के उत्पादन में शामिल लाखों उद्योगों के कारोबार को प्रभावित करेगी।

वकील कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि यह अधिसूचना पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है, खासकर मिट्टी की ऊपरी परत एवं प्राकृतिक संसाधनों और छोटे उद्योगों के लिए।

अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा पेश की गई याचिका में दावा किया गया कि नीति आयोग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने फ्लाई एश प्रयोग नियमों में प्रस्तावित सुधार के संबंध में आपत्ति व्यक्त की है लेकिन उनको विश्वास में लिए बिना तत्काल अधिसूचना जारी कर दी गई।

बंसल ने अदालत को बताया कि सार्वजनिक प्रतिक्रिया अधिसूचना जारी होने के 60 दिन के भीतर भेजी जानी चाहिए थी और कहा कि यह अवधि जून के अंतिम सप्ताह में समाप्त हो रही है।

याचिका में कहा गया, “कोविड के कारण जब अधिकतर लोगों को घर पर ही रहना पड़ रहा है और इस तथ्य के कारण भी कि देश के कई हिस्सों में डाक सेवाएं अपनी गतिविधि नहीं कर पा रही हैं, प्रतिवादी का यह विचार कि बड़े पैमाने पर जनता को उक्त मसौदा अधिसूचना पर सार्थक टिप्पणी करनी चाहिए, यह संदिग्ध है।”

अधिसूचना पर जवाब देने के लिए समय बढ़ाने के अलावा, याचिका में कहा गया कि इसे सभी स्थानीय भाषाओं में अनुदित कराना चाहिए।

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Web Title: The court sought to know the Centre's stand on the plea seeking more time for reply on the fly ash notification.

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