अदालत ने परिवार की नागरिकता रद्द करने का विदेशी न्यायाधिकारण का निर्णय खारिज किया
By भाषा | Updated: November 29, 2021 21:34 IST2021-11-29T21:34:52+5:302021-11-29T21:34:52+5:30

अदालत ने परिवार की नागरिकता रद्द करने का विदेशी न्यायाधिकारण का निर्णय खारिज किया
गुवाहाटी, 29 नवंबर गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम में एक परिवार की नागरिकता रद्द करने के विदेशी न्यायाधिकरण के एकतरफा फैसले को निरस्त कर दिया है और कहा है कि इस तरह के फैसले किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करते हैं तथा ऐसे फैसले किसी पक्ष की अनुपस्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए।
अदालत राजेंद्र दास और उनके परिवार के चार सदस्यों की एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति एन कोटेश्वर सिंह और न्यायमूर्ति मलाश्री नंदी की पीठ ने विदेशी न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द कर दिया जिसने 2018 में एकतरफा फैसले में याचिकाकर्ताओं को विदेशी घोषित कर दिया था।
मामले की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, उच्च न्यायालय ने इस साल 24 नवंबर को परिवार की जमानत मंजूर करने के बाद प्रतिवादियों को कोई औपचारिक नोटिस जारी किए बिना उन्हें 24 दिसंबर तक उसी न्यायधिकरण के सामने फिर से पेश होने को कहा और मामले का निपटारा कर दिया।
संबंधित न्यायाधिकारण ने 2018 में एकतरफा फैसले में कछार जिले के महादेवपुर गांव निवासी राजेंद्र दास, उनकी पत्नी रेणुबाला और बच्चों- आनंद, बिस्वजीत तथा बबीता को विदेशी घोषित कर दिया था क्योंकि वे नोटिस जारी होने के बाद न्यायाधिकरण के सामने पेश नहीं हुए थे और न ही लिखित में बयान दिया था।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि दास अपने खराब स्वास्थ्य के कारण न्यायाधिकरण के समक्ष पेश नहीं हो सके, जिसके परिणामस्वरूप एकतरफा आदेश पारित किया गया। उन्होंने आदेश की समीक्षा का आग्रह किया था, लेकिन संबंधित विदेशी न्यायाधिकरण ने इसे ठुकरा दिया था।
उच्च न्यायालय ने परिवार की नागरिकता रद्द करने के विदेशी न्यायाधिकरण के एकतरफा फैसले को निरस्त करते हुए कहा कि इस तरह के फैसले किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करते हैं तथा ऐसे फैसले किसी पक्ष की अनुपस्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए।
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