चांदनी चौक के रेहड़ी पटरी बिक्री मुक्त क्षेत्र में फेरी वालों की मौजूदगी को लेकर अदालत ने किया सवाल

By भाषा | Updated: September 20, 2021 20:19 IST2021-09-20T20:19:30+5:302021-09-20T20:19:30+5:30

The court questioned the presence of hawkers in the street-free area of Chandni Chowk. | चांदनी चौक के रेहड़ी पटरी बिक्री मुक्त क्षेत्र में फेरी वालों की मौजूदगी को लेकर अदालत ने किया सवाल

चांदनी चौक के रेहड़ी पटरी बिक्री मुक्त क्षेत्र में फेरी वालों की मौजूदगी को लेकर अदालत ने किया सवाल

नयी दिल्ली, 20 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को पुलिस और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनआरडीएमसी) से सवाल किया कि चांदनी चौक इलाके में प्रतिबंध के बावजूद रेहड़ी पटरी वालों और खोमचों वालों को सामान बिक्री गतिविधि की अनुमति कैसे दी जा रही है, जहां पुनर्विकास चल रहा है।

अदालत ने नोटिस भी जारी किया और दिल्ली पुलिस और एनआरडीएमसी को चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर उस याचिका पर जवाब देने के लिए कहा जिसमें चांदनी चौक, सुभाष मार्ग व शहर के अन्य रेहड़ी पटरी बिक्री निषिद्ध क्षेत्र- सदर पहाड़गंज इलाके में टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण के खिलाफ निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने निर्देश दिया कि सर्वेक्षण करते समय टीवीसी एक अंतर करेगा और उन फेरीवालों पर ध्यान देगा जो रेहड़ी पटरी ब्रिक्री निषिद्ध क्षेत्रों में जगह घेर रहे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘आप सर्वेक्षण जारी रखें लेकिन याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई आपत्तियों को ध्यान में रखें। आपके सर्वेक्षण में स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए कि ये रेहड़ी-पटरी वाले हैं जो रेहड़ी पटरी अनुमेय क्षेत्र में बैठे हैं और ये वे हैं जो रेहड़ी पटरी बिक्री निषिद्ध क्षेत्र में बैठे हैं।

अदालत ने अधिकारियों से याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को 10 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को रेहड़ी पटरी ब्रिक्री निषिद्ध क्षेत्रों से संबंधित योजना को रिकॉर्ड पर रखने के लिए भी कहा।

मामले में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त स्थायी वकील अनुज अग्रवाल द्वारा किया गया।

चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव रल्ली ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कई बार आदेश पारित किया था कि रेहड़ी पटरी ब्रिक्री निषिद्ध क्षेत्रों में कोई अतिक्रमण नहीं होगा। इसके बावजूद फेरीवाले और रेहड़ी वाले वहीं बैठे हैं और अब टीवीसी सर्वेक्षण कर रही है।

मोहित मुद्गल और शिवानी रौतेला के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘सर्वेक्षण दल के सदस्य चांदनी चौक और सुभाष मार्ग में अवैध फेरीवालों और पटरीवालों की उपस्थिति का अनधिकृत संज्ञान ले रहे हैं, जो सिटी एसपी जोन में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा अधिसूचित रेहड़ी पटरी ब्रिक्री निषिद्ध क्षेत्रों में बैठे हैं और सामान की बिक्री गतिविधि संचालित कर रहे हैं।’’

याचिका में एनआरडीएमसी के उपायुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि शहर में चांदनी चौक, सुभाष मार्ग और एसपी जोन में एनआरडीएमसी द्वारा अधिसूचित रेहड़ी पटरी ब्रिक्री निषिद्ध क्षेत्रों से संचालित अवैध रेहड़ी पटरी वालों के टीवीसी की सर्वेक्षण टीमों द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जाए।

याचिका में शहर के एसपी जोन के संबंधित उपायुक्त, डीसीपी नॉर्थ और कोतवाली और लाहौरी गेट पुलिस थानों के एसएचओ से रेहड़ी पटरी बिक्री निषिद्ध क्षेत्र सुनिश्चित करने में कथित विफलता के लिए भी स्पष्टीकरण मांगे जाने का अनुरोध किया गया है।

पूरे इलाके में 330 सीसीटीवी लगाने पर रल्ली ने कहा कि अदालत के निर्देश के बावजूद अब तक एक भी सीसीटीवी नहीं लगाया गया है।

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Web Title: The court questioned the presence of hawkers in the street-free area of Chandni Chowk.

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