लाइव न्यूज़ :

न्यायालय ने हत्यारोपी के चार साल और 12 साल की उम्र में एक जैसे हस्ताक्षर पर आश्चर्य जताया

By भाषा | Updated: October 20, 2021 21:34 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आश्चर्य जताया कि चार साल का कोई बच्चा 2009 में पहली कक्षा में दाखिले के दौरान ऐसे हस्ताक्षर कैसे कर सकता है जो उसके द्वारा 12 साल की उम्र में आठवीं कक्षा में किए गए हस्ताक्षर के समान हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने इस चीज को "अविश्वसनीय" करार दिया और किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के उस फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें अपराध के दौरान युवक को किशोर घोषित करते हुए हत्या के मामले में मामूली सजा दी गई थी।

पीठ ने कहा, "यह बिलकुल अविश्वसनीय है कि चार साल का कोई बच्चा स्कूल में दाखिले के दौरान ऐसे हस्ताक्षर कैसे कर सकता है, जो आठवीं कक्षा में दाखिले के दौरान किए गए उसके हस्ताक्षर के समान हैं।

याचिकाकर्ता एवं मृतक के पुत्र ऋषिपाल सोलंकी की ओर से पेश अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने किशोर न्याय बोर्ड के 11 नवंबर, 2020 के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अपील खारिज किए जाने के आदेश को चुनौती दी है और आरोपी की वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए उसकी मेडिकल जांच कराने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा, "अपराध के दौरान वह (आरोपी) पूरी तरह से वयस्क था और उसकी उम्र लगभग 20 वर्ष थी।’’

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता शरण ठाकुर ने कहा कि हालांकि राज्य ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर नहीं की है, लेकिन मामले में प्रस्तुत अभिलेखों में काफी विसंगतियां हैं।

उन्होंने कहा कि यदि आरोपी ने 2009 में स्कूल में दाखिला लिया था, तो उसे 2014 में कक्षा पांच या कक्षा छह में होना चाहिए था, न कि कक्षा आठ में जब तक कि वह इतना मेधावी न हो कि उसे किसी कक्षा में तीन प्रोन्नतियां मिली हों।

ठाकुर ने कहा, ‘‘कई विसंगतियां हैं जिनका पता लगाने की जरूरत है। बेहतर होगा कि अदालत सही उम्र का पता लगाने के लिए आरोपी के अस्थि परीक्षण का आदेश दे।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले में आदेश पारित करेगी और संबंधित पक्ष दो दिन के भीतर अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें।

सोलंकी ने अपनी याचिका में कहा कि वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता है और उसके पिता और चाचा (दोनों की हत्या कर दी गई) ट्रैक्टर की मदद से उत्तर प्रदेश के बागपत में गन्ने को खेतों से चीनी मिल तक ले जा रहे थे। पांच मई, 2020 को शाम लगभग चार बजे उन्होंने ट्रैक्टर-ट्रॉली को तकनीकी खामी के चलते गांव के बाहर सड़क खड़ा कर दिया था।

उन्होंने कहा है कि तभी पारंपरिक हथियारों से लैस कुछ ग्रामीण आरोपी के साथ मौके पर पहुंचे और ट्रॉली हटाने को कहा जिसके चलते मारपीट हुई। इस दौरान उनके पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके चाचा को गंभीर चोटें आईं जिनकी चार दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

बॉलीवुड चुस्कीबॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारत अधिक खबरें

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं

भारतलालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने जमा किया ₹3 लाख 61 हजार रुपये का बिजली बिल, विभाग ने थमाया था नोटिस

भारतबिहार की राजधानी पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मोकामा में होगा श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर का निर्माण, राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन