न्यायालय ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की

By भाषा | Updated: November 23, 2020 21:03 IST2020-11-23T21:03:52+5:302020-11-23T21:03:52+5:30

The court expressed happiness over the permanent commission given to women officers in the army | न्यायालय ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की

न्यायालय ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की

नयी दिल्ली, 23 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने पर विचार करने के उसके फैसले पर केन्द्र ने अमल कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘यह हमारे राष्ट्र की विजय है जो चाहता है कि महिलायें सर्वोच्च स्थान प्राप्त करें।’’

शीर्ष अदालत ने इस साल 17 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में केन्द्र से कहा था कि शॉर्ट सर्विस कमीशन की सभी सेवारत महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने पर विचार करे, भले ही उन्होंने 14 साल की अवधि पूरी कर ली हो या 20 साल की सेवा की हो।

न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की जिसमें केन्द्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बालासुब्रमणियन पेश हुये थे, जो इसी से संबंधित महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के मामले में भी वकील थे।

बालासुब्रमणियन ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले पर अमल हो गया है और करीब 70 प्रतिशत महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिल गया है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘यह हमारे राष्ट्र की विजय है जो चाहता है कि महिला सर्वोच्च स्थान हासिल करे। न्यायाधीशों के रूप में हमें भी गौरव का अनुभव होता है कि करीब 450 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिल गया है।’’

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने ही 17 फरवरी का ऐतिहासिक फैसला लिखा था।

भारतीय सेना की सभी दस शाखाओं में महिला अधिकारियों को शॉर्ट सर्विस कमीशन से स्थाई कमीशन प्रदान किया गया है। इनमें सैन्य वायु रक्षा, सिग्नल, अभियांत्रिकी और सैन्य उड्डयन भी शामिल हैं।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि एक बार के कदम के रूप में 20 साल की पेंशन योग्य निरंतर सेवारत रहने का लाभ 14 साल से ज्यादा समय से कार्यरत सभी वर्तमान एसएससी अधिकारियों पर भी लागू होगा।

शीर्ष अदालत ने एसएससी की महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सभी 10 क्षेत्रों मे स्थाई कमीशन देने की केन्द्र की 25 फरवरी, 2019 की नीति स्वीकार कर ली थी।

न्यायालय ने कहा था कि 20 साल से ज्यादा की सेवा वाली एसएससी महिला अधिकारी, जिन्हें स्थाई कमीशन नहीं दिया गया है, नीति निर्णय में प्रदत्त पेंशन पर सेवानिवृत्त होंगी।

न्यायालय ने इस तथ्य का भी जिक्र किया था कि भारतीय सेना में अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 50,266 है जबकि इस समय 1,653 महिला अधिकारियों सहित 40, 825 पदों पर ही सैन्य अधिकारी तैनात हैं।

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