अदालत ने आप सरकार से अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तर के इंतजाम के बारे में पूछा

By भाषा | Updated: November 11, 2020 18:22 IST2020-11-11T18:22:47+5:302020-11-11T18:22:47+5:30

The court asked the AAP government about the bed arrangement for Kovid-19 patients in hospitals | अदालत ने आप सरकार से अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तर के इंतजाम के बारे में पूछा

अदालत ने आप सरकार से अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तर के इंतजाम के बारे में पूछा

नयी दिल्ली, 11 नवम्बर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आप सरकार से पूछा कि उसने कोविड-19 संक्रमित उन मरीजों के लिए क्या इंतजाम किये हैं जिनकी हालत नाजुक हो सकती है और उन्हें देखभाल केंद्रों में स्थानांतरित करने की जरूरत पड़े।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार से यह सवाल उस जनहित याचिका पर सुनवायी के दौरान किया जिसमें शहर में कोविड-19 जांच की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे अपने घर के पास किसी भी निजी अस्पताल या नर्सिंग होम में बिस्तर नहीं मिल सका और उसे यहां द्वारका में अपने एक दोस्त के क्लीनिक में भर्ती होना पड़ा जहां वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता, अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा शहर के उन कई हजारों लोगों में से एक हैं जो ‘‘उपचार के लिए तथा अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में बिस्तर के लिए संघर्षरत हैं।’’ पीठ ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि क्या उसने ‘‘कोविड-19 से संक्रमित उन रोगियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था’’ की है जिनकी हालत नाजुक होने के चलते उन्हें देखभाल केंद्रों में स्थानांतरित करने की जरूरत पड़े।’’

अदालत ने कहा कि ‘‘क्या करना है यह जाने बिना लोग इधर उधर दौड़ भाग कर रहे हैं’’ तथा छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग हैं जो संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हैं।

अदालत ने कहा कि हर कोई अस्पतालों में बिस्तर की तलाश के लिए संघर्ष कर रहा है और यहां तक ​​कि न्यायाधीशों को भी अस्पतालों में भर्ती होने में मदद के अनुरोध के लिए कॉल आ रही हैं।

पीठ ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में उसके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

पीठ ने सरकार से यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने के बाद उसे संबंधित व्यक्ति को तुरंत उसके उस मोबाइल नंबर पर सूचित किया जाना चाहिए जो जांच के समय दिया जाता है।

दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम ने कहा कि छह नवंबर को एक परामर्श जारी किया गया था जिसमें सभी जिलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि टीमों द्वारा नमूने एकत्रित करने के छह घंटे के भीतर जांच के लिए लैब तक पहुंच जाएं और जांच रिपोर्ट आने के छह घंटे के भीतर संबंधित व्यक्ति को टेलीफोन पर सूचित किया जाए।

अदालत ने 20 अक्टूबर को दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि जांच रिपोर्ट के बारे में 24 घंटे में संबंधित रोगियों/ व्यक्तियों को अवगत कराया जाए।

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Web Title: The court asked the AAP government about the bed arrangement for Kovid-19 patients in hospitals

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