न्यायालय ने जनसंख्या नियंत्रण संबंधी याचिका में स्वास्थ्य मंत्रालय को पक्ष बनाने की अनुमति दी
By भाषा | Updated: May 8, 2021 20:55 IST2021-05-08T20:55:18+5:302021-05-08T20:55:18+5:30

न्यायालय ने जनसंख्या नियंत्रण संबंधी याचिका में स्वास्थ्य मंत्रालय को पक्ष बनाने की अनुमति दी
नयी दिल्ली, आठ मई उच्चतम न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को पक्ष बनाने की मंजूरी दे दी है, जिसमें देश की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए दो बच्चे के नियम समेत कई कदम उठाए जाने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दाखिल एक याचिका पर सात मई को निर्देश जारी किया। उपाध्याय ने याचिका में गृह मंत्रालय के स्थान पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया था।
पीठ ने कहा कि गृह मंत्रालय के स्थान पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पक्षकार बनाने की अर्जी मंजूर की जाती है। मामले में अगली सुनवाई पांच जुलाई को होगी।
उपाध्याय ने देश की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए दो बच्चे के नियम समेत कई कदमों के अनुरोधी वाली याचिका ठुकराए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दाखिल की थी।
शीर्ष अदालत में एक हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि देश में परिवार कल्याण कार्यक्रम स्वैच्छिक प्रकृति का है, जिसके तहत दंपति अपने परिवार के आकार के बारे में फैसला कर सकते हैं और अपने हिसाब से परिवार नियोजन के तरीके अपना सकते हैं। यह लोगों की इच्छा पर है और इसमें कोई बाध्यता नहीं है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।