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प्रधान न्यायाधीश ग्रीष्मावकाश पहले करने का मुद्दा सभी न्यायाधीशों के समक्ष रखेंगे

By भाषा | Updated: April 26, 2021 20:14 IST

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नयी दिल्ली, 26 अप्रैल प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से उत्पन्न खतरे के मद्देनजर शीर्ष अदालत में ग्रीष्मावकाश पहले करने के बारे में बार संगठनों के प्रतिवेदनों का सोमवार को संज्ञान लिया और इस मामले को सभी न्यायाधीशों के समक्ष विचारार्थ रखने का निर्णय लिया।

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह तथा उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में ग्रीष्मावकाश 14 मई की बजाये आठ मई से शुरू करने का निश्चय किया गया है। न्यायालय में अब 27 जून तक ग्रीष्मावकाश रहेगा।

हालांकि, बाद में इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने स्पष्ट किया कि प्रधान न्यायाधीश ने बार एसोसिएशन, बार काउन्सिल आफ इंडिया और एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन के नेताओं के साथ प्रारंभिक चर्चा की थी और उन्होंने इसे सभी न्यायाधीशों के समक्ष रखने का निर्णय लिया क्योंकि यही बैठक अवकाश के बारे में निर्णय लेने में सक्षम है।

सूत्रों ने बताया , ‘‘प्रधान न्यायाधीश ने इस मामले में वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ भी प्रारंभिक मंत्रणा की और इसे सभी न्यायाधीशों की बैठक में रखने का निश्चय किया।’’

सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की नयी चैम्बर इमारत में कोविड देखभाल केन्द्र स्थापित करने के बारे में बार संगठनों के प्रतिवेदन और सुझाव के प्रति न्यायमूर्ति रमण की ‘‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’’ थी और उन्होंने इस बारे में ‘‘और विवरण’’ मांगा है।

विकास सिंह ने कहा कि बार एसोसिएशन की कार्यकारी परिषद ने इस स्थान का निरीक्षण करने और इसकी व्यावहार्यता के बारे में रिपोर्ट देने के लिये दिल्ली सरकार से संपर्क किया है । उन्होंने कहा कि इस इमारत का निरीक्षण करने का बंदोबस्त करने के बारे में चाणक्यपुरी के तहसीलदार को जानकारी दे दी गयी है।

उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन के सचिव जोसेफ अरिस्टाटल ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश कम से कम 60 बिस्तरों वाली मेडिकल सुविधा और आरटी-पीसीआर जांच और टीकाकरण जैसी सुविधाओं के लिये उचित स्थान उपलब्ध कराने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गये हैं।

उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन और उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन ने कोविड संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुये प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण से शीर्ष अदालत का ग्रीष्मावकाश पहले शुरू करने का अनुरोध किया था।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने नवनियुक्त प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि न्यायालय परिसर में अतिरिक्त भवन का उपयोग दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिये किया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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