बेंगलुरुः तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ बर्बरता और उनके साथ मारपीट की घटनाओं की चेन्नई के होटल संगठन ने निंदा की है। बिहारी मजदूरों पर तमिलनाडु के लोगों द्वारा हमले किए जाने को अमानवीय बताते हुए संगठन ने राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखा है और इसे तुरंत रुकवाने को कहा है।
'द चेन्नई होटल एसोसिएशन' ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इसके जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उसने कहा है कि तमिलनाडु में विभिन्न कार्यों में लगे उत्तरी राज्य के मजदूरों पर हमला अमानवीय कृत्य है। पत्र में लिखा गया है कि अगर इसे तुरंत रोका नहीं गया तो राज्य में उद्योगों के बंद होने का खतरा पैदा हो जाएगा। पत्र में संगठन ने साफ लहजे में लिखा है कि उनपर इसलिए हमले हो रहे हैं क्योंकि वे काम करना पसंद करते हैं जो हमारे लोगों को पसंद नहीं है। आज कहां गया भाईचारा?
संगठन ने सरकार से हिंदी भाषी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि इसे तुरंत बंद करने की जरूरत है नहीं तो सभी उद्योग ठप पड़ जाएंगे। पत्र में आगे कहा गया है कि भारत की एकता को बचाना है। संगठन ने मामले में सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ बर्बरता की जा रही है। उनके साथ मारपीट हो रही है। वहां से लौट रहे मजदूर 15 से ज्यादा हत्याओं का दावा कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी जांच के लिए शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल को तमिलनाडु भेजने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर कथित हमले को लेकर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ शुक्रवार पुनः उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल रहेंगे तमिलनाडु के उस प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी जहां से ऐसी खबरें मिली हैं। टीम प्रभावित इलाकों में रह रहे बिहार के लोगों एवं स्थानीय प्रशासन से बातचीत करेगी और यहां के प्रवासियों की समस्याओं के समाधान को लेकर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करायेगी।
उधर, नीतीश के घोर आलोचक रहे जमुई के सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिहार की आर्थिक स्थिति के लिए उन्हें दोषी ठहराया जिसके चलते बड़े पैमाने पर यहां के लोगों को मजबूरन रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया है।