जम्मू, 27 मार्च नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि उसने अपने लेखा परीक्षण (ऑडिट) में जम्मू कश्मीर के कुछ विभागों के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कई कमियों का जिक्र किया है और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को इस विषय पर गौर करने तथा प्रणाली में बदलाव करने को कहा है, ताकि ऑडिट में की गई गई टिप्पणी का समयबद्ध तरीके से जवाब मिल सके।
कैग ने 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए सामाजिक, सामान्य, आर्थिक (गैर सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम) क्षेत्रों पर अपनी रिपोर्ट हाल ही में संसद के पटल पर रखी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ विशेष विभागों के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में और आंतरिक नियंत्रण उपायों में कई कमियां उगजार हुई हैं। इन कमियों के चलते कार्यक्रमों की सफलता और विभागों के कामकाज पर नकारात्मक असर पड़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सरकार इस विषय पर गौर कर सकती है और ऑडिट में की गई टिप्पणियों पर समयबद्ध तरीके से विभागों से उपयुक्त जवाब सुनिश्चित कर सकती है। ’’
कैग ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए एक अनुपालन ऑडिट किया गया था, जिसमें खास कार्यक्रमों/ योजनाओं के लेखा परीक्षण पर जोर दिया गया था, ताकि प्रशासन द्वारा नागरिकों को प्रदान की जाने वाली सेवा को बेहतर किया जा सके।
कैग ने कहा कि इस संबंध में, ‘‘23 पैराग्राफ संबद्ध विभागों के प्रधान सचिवों/सचिवों को भेजे गये थे। इस रिपोर्ट में शामिल किये गये नौ पैराग्राफ पर जवाब नहीं मिला।
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