तेजपाल का बरी होना अन्य पीड़ितों को सामने आने से रोक सकता है: कार्यकर्ता

By भाषा | Updated: May 21, 2021 20:31 IST2021-05-21T20:31:05+5:302021-05-21T20:31:05+5:30

The acquittal of Tejpal may prevent other victims from coming forward: activist | तेजपाल का बरी होना अन्य पीड़ितों को सामने आने से रोक सकता है: कार्यकर्ता

तेजपाल का बरी होना अन्य पीड़ितों को सामने आने से रोक सकता है: कार्यकर्ता

नयी दिल्ली, 21 मई विभिन्न महिला अधिकार समूहों ने पत्रकार तरुण तेजपाल को बलात्कार के मामले में बरी किये जाने के आधार पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को कहा कि गोवा की अदालत का यह निर्णय अन्य महिलाओं को आगे आकर यौन उत्पीड़न तथा प्रताड़ना के मामले दर्ज कराने से रोक सकता है।

कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि तेजपाल ने खुद महिला के उत्पीड़न के प्रयास की बात स्वीकार करते हुए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय निराशाजनक और हतोत्साहित करने वाला है।

गोवा की एक सत्र अदालत ने 'तहलका' पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तेजपाल को 2013 में एक पांच सितारा रिजॉर्ट की लिफ्ट में महिला साथी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया है।

महिला अधिकार कार्यकर्ता तथा साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अकांचा श्रीवास्तव ने कहा कि तेजपाल ने खुद महिला के उत्पीड़न के प्रयास की बात कबूल की थी।

उन्होंने कहा, ''ऐसे आधे से अधिक मामले अदालत तक भी नहीं जा पाते और जो चले भी जाते हैं, उनमें इस तरह के बेहद हतोत्साहित कर देने वाले निर्णय आते हैं। जब एक व्यक्ति खुद ही यह स्वीकार कर चुका है कि उसने बदसलूकी की थी तो उसे किस आधार पर बरी किया गया। यदि ‍वह कह रहा है कि उसने ऐसा किया है, तो किया ही होगा।''

श्रीवास्तव ने कहा, ''जब हम इस तरह की मिसाल कायम करते हैं तो हम अन्य पीड़ितों को आगे आकर मामला दर्ज कराने और कानूनी लड़ाई लड़ने से रोक देते हैं।''

ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेन्स एसोसिएशन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि न्याय प्रणाली ने एक और महिला को नीचा दिखा दिया।

उन्होंने ट्वीट किया, ''न्याय प्रणाली ने एक और महिला को नीचा दिखा दिया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि महिलाएं पुलिस में क्यों शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहतीं। ''

उन्होंने कहा कि तेजपाल ने वारदात को स्वीकारते हुए कई बार माफी मांगी है।

उन्होंने लिखा, ''एक बार फिर एक पीड़ित को अपमानित और निराश किया गया। ''

भारतीय सामाजिक जागृतिक संगठन की छवि मेठी ने कहा कि निर्णय निराशाजनक है।

उन्होंने कहा, ''यह पूरी मानवता के लिये निराशाजनक है क्योंकि इसने यह मिसाल कायम की है कि जो शक्तिशाली है वह अपनी करतूतों की सजा पाए बिना बच निकल सकता है।''

मानवाधिकार वकील शिल्पी जैन ने संशोधित कानून के बारे में बात करते हुए कहा कि नए कानून के मुताबिक यौन संबंध के अलावा यौन उत्पीड़न के अन्य मामले भी बलात्कार के दायरे में आते हैं।

उन्होंने कहा, ''तेजपाल का मामला भी कानून (भा.दं.सं. की धारा 376) की विस्तृत व्याख्या के तहत आता है। इस नए कानून की वजह से हमारे सामने तरुण तेजपाल के मामले जैसे कई मामले सामने आएंगे, जो कहीं खत्म नहीं होंगे।

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Web Title: The acquittal of Tejpal may prevent other victims from coming forward: activist

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