आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या, समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए: मोदी

By भाषा | Updated: November 17, 2020 20:08 IST2020-11-17T20:08:45+5:302020-11-17T20:08:45+5:30

Terrorism is the biggest problem facing the world today, those who support it should be held accountable: Modi | आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या, समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए: मोदी

आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या, समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए: मोदी

नयी दिल्ली, 17 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आतंकवाद को विश्व के समक्ष सबसे बड़ी समस्या बताया और संगठित तरीके से इसका मुकाबला करने का आह्वान करते हुए इसका समर्थन कर रहे देशों को जवाबदेह ठहराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और आईएमएफ तथा डब्ल्यूटीओ जैसे संगठनों में सुधार की आवश्यकता जताई।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी इस बैठक में शामिल होना प्रस्तावित है।

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए।’’

मोदी ने इस बात पर खुशी जताई कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स ने आतंकवाद विरोधी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार देते हुए कहा, ‘‘भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।’’

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इसके संस्थापक सदस्य के रूप में भारत बहुपक्षवाद का दृढ़ समर्थक रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति में भी पूरे विश्व को एक परिवार की तरह माना गया है, अत: हमारे लिए संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था का समर्थन स्वाभाविक था। संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों प्रति हमारी प्रतिबद्धता अडिग रही है। शांति मिशन में सबसे अधिक वीर सैनिक भारत ने ही खोए हैं। किन्तु आज बहुपक्षीय प्रणाली एक संकट के दौर से गुजर रही है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक शासन प्रणाली से जुड़े संस्थानों की विश्वसनीयता और वे कितने प्रभावी हैं, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं इसका प्रमुख कारण समय के साथ इनमें उचित बदलाव न किया जाना है। उन्होंने कहा कि ये अभी भी 75 साल पुराने विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित हैं।

मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को ‘‘बहुत अनिवार्य’’ बताया और कहा कि इस विषय पर भारत ब्रिक्स में शामिल सहयोगी देशों के समर्थन की अपेक्षा करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के अतिरिक्त, कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी वर्तमान वास्तविकताओं के अनुसार काम नहीं कर रही हैं। डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ, डब्ल्यूएचओ, जैसे संस्थानों में भी सुधार होना चाहिए।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद की वैश्विक अर्थव्यवस्था की बहाली में ब्रिक्स देशों की अहम भूमिका होगी क्योंकि इन देशों में विश्व की 42 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है। उन्होंने कहा कि ये देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजनों में हैं और ब्रिक्स देशों के बीच आपसी व्यापर बढ़ाने का बहुत अवसर है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हिंदुस्तान ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक सुधार प्रक्रिया शुरू की है और यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक ‘‘आत्मनिर्भर और लचीला’’ भारत कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘फोर्स मल्टीप्लायर’’ हो सकता है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक मजबूत योगदान दे सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका उदाहरण हमने कोरोना महामारी के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी।’’

मोदी ने कहा कि 2021 में ब्रिक्स के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे और जब भारत इसकी अध्यक्षता करेगा तब ब्रिक्स के तीनों स्तंभों में ‘इंट्रा-ब्रिक्स’ सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न किया जाएगा।

बैठक में अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अध्यक्षता सौंपी जाएगी। भारत 2021 में होने वाले 13वें ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इससे पहले भारत ने 2012 और 2016 में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।

ब्रिक्स देशों का यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब इसके दो प्रमुख सदस्य देशों भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर छह महीने से गतिरोध बरकरार है। अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं।

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान डिजिटल माध्यम से आमना-सामना हुआ था।

ब्रिक्स को एक प्रभावी संगठन माना जाता है जो विश्व की कुल आबादी के आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रिक्स देशों का संयुक्त रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।

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