पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा डालने के लिये आधार विवरण पर जोर नहीं दे तेलंगाना सरकार: अदालत

By भाषा | Updated: November 3, 2020 22:51 IST2020-11-03T22:51:44+5:302020-11-03T22:51:44+5:30

Telangana government should not insist on Aadhaar details for providing details of property on portal: court | पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा डालने के लिये आधार विवरण पर जोर नहीं दे तेलंगाना सरकार: अदालत

पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा डालने के लिये आधार विवरण पर जोर नहीं दे तेलंगाना सरकार: अदालत

हैदराबाद, तीन नवंबर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह हाल में शुरू किए गए 'धरणी पोर्टल' पर अचल संपत्ति की जानकारी देने वाले लोगों से आधार कार्ड का विवरण उपलब्ध कराने पर जोर न दे।

मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की एक पीठ वकील गोपाल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में वकील ने अदालत से अपील की है कि संपत्ति की जानकारी देते हुए सरकार द्वारा लोगों से आधार कार्ड और जाति की जानकारी मांगने वाले कदम को असंवैधानिक करार दिया जाए। वकील का आरोप है कि यह निजता के लिए खतरा है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से तेलंगाना भूमि अधिकार और पट्टेदार पासबुक अधिनियम, तेलंगाना नगर निगम अधिनियम 2019, तेलंगाना पंचायती राज अधिनियम 2018 और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम अधिनियम 1955 की कुछ धाराओं को संविधान का उल्लंघन करार देने की अपील की।

पीठ ने कहा कि आधार संबंधित आंकड़े जुटाने के बाद उनकी सुरक्षा का कोई कानून नहीं है। अदालत ने राज्य सरकार को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भूमि के रिकॉर्ड वाली धरणी पोर्टल की शुरुआत की थी, इसमें 1.46 करोड़ एकड़ जमीन का रिकॉर्ड उपलब्ध है और राज्य की जनता सिर्फ एक क्लिक के जरिए जमीन के रिकॉर्ड को हासिल कर सकेगी।

Web Title: Telangana government should not insist on Aadhaar details for providing details of property on portal: court

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