तेलंगाना सरकार ने रोडवेज के 48 हजार हड़ताली कर्मचारियों को एक झटके में किया बर्खास्त, सिर्फ 1200 बचे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 7, 2019 08:12 IST2019-10-07T08:12:56+5:302019-10-07T08:12:56+5:30

तेलंगाना सरकार ने रविवार को तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के 48 हजार हड़ताली कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार देर शाम परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद फैसला लिया।

Telangana government dismisses 48,000 striking employees of roadways, here is all you need to know | तेलंगाना सरकार ने रोडवेज के 48 हजार हड़ताली कर्मचारियों को एक झटके में किया बर्खास्त, सिर्फ 1200 बचे

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (फाइल फोटो)

Highlightsतेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार देर शाम परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद फैसला लिया। हड़ताल से पूरे राज्य में बस सेवा बाधित होने से दशहरे के त्योहार के समय समस्याओं का सामना करना पड़ा।

तेलंगाना सरकार ने रविवार को तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के 48 हजार हड़ताली कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार देर शाम परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद फैसला लिया। अब रोडवेज में सिर्फ 1200 कर्मचारी हैं। ये कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं थे।

राज्य सरकार के स्वामित्व वाले तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर रविवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। हड़ताल से पूरे राज्य में बस सेवा बाधित होने से दशहरे के त्योहार के समय समस्याओं का सामना करना पड़ा। यह हड़ताल संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) ने आहूत की थी। इसमें टीएसआरटीसी के कर्मचारी और कार्यकारी यूनियन शामिल है। 

पूरे तेलंगाना में करीब 50,000 कर्मचारी काम का और बसों का बहिष्कार शुक्रवार रात से कर रहे हैं। सरकार ने यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की है और अस्थायी तौर पर कई चालकों और सहचालकों को काम पर रखा है।

कर्मचारी यूनियन की मांग है कि टीएसआरटीसी का सरकार में पूर्ण विलय कर दिया जाए। उनकी अन्य मांगों में निगम के खाली पदों को भरना, चालक और सह चालकों को रोजगार की सुरक्षा देना, वेतनमान की 2017 की सिफारिशों को लागू करना और डीजल पर लगने वाले कर को समाप्त करना शामिल है। 

यातायात मंत्री अजय कुमार ने शनिवार को कहा कि सरकार ने आरटीसी की हड़ताल को देखते हुए एक स्थायी वैकल्पिक नीति लाने का निर्णय लिया है ताकि लोगों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

उन्होंने आरटीसी कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि जो भी शनिवार शाम में छह बजे तक ड्यूटी पर नहीं आएंगे, उन्हें निगम का कर्मचारी नहीं माना जाएगा और भविष्य में भी उन्हें दोबारा नहीं लिया जाएगा।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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