तेजपाल ने उन्हें बरी करने के खिलाफ गोवा सरकार की अपील पर ‘बंद कमरे में’ सुनवाई की गुजारिश की

By भाषा | Updated: August 10, 2021 15:48 IST2021-08-10T15:48:05+5:302021-08-10T15:48:05+5:30

Tejpal seeks 'closed' hearing on Goa government's appeal against his acquittal | तेजपाल ने उन्हें बरी करने के खिलाफ गोवा सरकार की अपील पर ‘बंद कमरे में’ सुनवाई की गुजारिश की

तेजपाल ने उन्हें बरी करने के खिलाफ गोवा सरकार की अपील पर ‘बंद कमरे में’ सुनवाई की गुजारिश की

पणजी, 10 अगस्त पत्रकार तरुण तेजपाल ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर वर्ष 2013 के दुष्कर्म मामले में उन्हें बरी करने के खिलाफ गोवा सरकार द्वारा दायर अपील पर ‘बंद कमरे’ में सुनवाई का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने अपील की विचारणीयता को लेकर शुरुआती आपत्ति दर्ज कराते हुए उसे खारिज करने की गुहार लगाई।

हालांकि, गोवा सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने तेजपाल की ‘बंद कमरे में’ सुनवाई की अपील का विरोध करते हुए कहा कि देश को जानने का हक है कि कैसे संस्था ने लड़की (पीड़िता) के साथ व्यवहार किया।

उल्लेखनीय है कि 21 मई को सत्र अदालत ने तहलका मैगजीन के प्रधान संपादक तेजपाल को बलात्कार के मामले में बरी कर दिया था। उनपर आरोप था कि उन्होंने नवंबर 2013 में गोवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पंच सितारा होटल के लिफ्ट में अपनी सहकर्मी पर यौन हमला किया। इस फैसले के खिलाफ गोवा सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है।

तेजपाल के वकील अमित देसाई ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ में न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति एम एस जावलकर की खंडपीठ से मामले की सुनवाई ‘बंद कमरे’ में करने की अपील की, जैसा कि इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई हुई थी।

देसाई ने कहा कि मामले और आरोपों की संवेदनशीलता को देखते हुए सुनवाई ‘बंद कमरे’ में होनी चाहिए। अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने इसके लिए पीठ के समक्ष औपचारिक आवेदन कर विचार करने का अनुरोध किया है।

देसाई ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाते हुए इसे खारिज करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अपील ‘त्रुटिपूर्ण’ और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 378 (बरी के मामले में अपील) के ‘अनुरूप’ नहीं है।

हालांकि, मेहता ने अदालत से कहा कि वे ‘बंद कमरे में सुनवाई’ के लिए दायर अर्जी का अध्ययन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ सामान्य तौर पर मैं आपत्ति नहीं करता, लेकिन जिस तरह से संस्था विफल हुई है, इसने यौन हमले के सभी पीड़ितों पर एक अपरिहार्य प्रभाव छोड़ा है। इसका संभावित पीड़ितों पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश को जानने का हक है कि शिकायत, विशेष आरोप, सबूत और आरोपों को पुष्ट करने वाले सबूत को लेकर अदालत आने वाली लड़की से इस संस्था ने कैसा व्यवहार किया है।’’

इस पर देसाई ने कहा कि मामले का निस्तारण होने तक मेहता के लिए इस तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है।

पीठ ने इस मामले की सुनवाई को 31 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की है। मेहता और देसाई दोनों ने ही मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये करने का अनुरोध किया, जिसपर न्यायाधीशों ने कहा कि इसके लिए उन्हें बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करना चाहिए।

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Web Title: Tejpal seeks 'closed' hearing on Goa government's appeal against his acquittal

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