शिक्षण संघों ने मिश्रित शिक्षण पद्धति के खतरों के प्रति यूजीसी को आगाह किया

By भाषा | Updated: June 7, 2021 18:37 IST2021-06-07T18:37:39+5:302021-06-07T18:37:39+5:30

Teaching unions warn UGC about the dangers of mixed teaching method | शिक्षण संघों ने मिश्रित शिक्षण पद्धति के खतरों के प्रति यूजीसी को आगाह किया

शिक्षण संघों ने मिश्रित शिक्षण पद्धति के खतरों के प्रति यूजीसी को आगाह किया

कोलकाता, सात जून यादवपुर विश्वविद्यालय के दो शिक्षक संघों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से कहा है कि शिक्षण व सीखने की प्रक्रिया को और नवोन्मेषी एवं समावेशी बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग समय की जरूरत है किंतु सरकार द्वारा आवश्यक भौतिक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाना चाहिए।

यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयूटीए) ने यूजीसी के मिश्रित शिक्षा (कक्षा में परंपरागत पढ़ाई के साथ ही डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया माध्यमों से होने वाली पढ़ाई) पद्धति परिकल्पना नोट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अधिकतर छात्रों के पास मानक डिजिटल उपकरण के साथ उच्च-गति इंटरनेट की सुविधा नहीं है जो शिक्षण संसाधनों तक हर वक्त पहुंच सुलभ करने के लिये जरूरी हैं।

देश में 60 प्रतिशत कॉलेजों और 40 प्रतिशत विश्वविद्यालयों की भौगोलिक स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में है जहां नेटवर्क कनेक्टिविटी अहम समस्या है।

संघ के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि इसके अलावा छात्रों के बीच डिजिटल विभाजन लिंग, जाति, धर्म, क्षेत्र और आय में स्पष्ट रूप से नजर आता है।

एक अन्य शिक्षक संघ ‘अखिल बंगाल विश्वविद्यालय अध्यापक संघ’ (एबीयूटीए) ने कहा कि मिश्रित शिक्षण पद्धति के बारे में शिक्षक संघों से विचार जानने का कदम कुछ और नहीं बल्कि लोगों को गुमराह करने का एक प्रयास है क्योंकि यूजीसी ने पहले ही नियम निर्धारित कर लिये हैं और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से 40 प्रतिशत शिक्षण ऑनलाइन माध्यम से कराने को कहा है।

यादवपुर विश्वविद्यालय में एबीयूटीए के संयोजक गौतम मैती ने कहा, “हमनें नई शिक्षा नीति के मसौदे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था लेकिन यूजीसी ने इसकी अनदेखी की।”

उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि मिश्रित शिक्षा सार्वजनिक वित्त पोषित विश्वविद्यालय व्यवस्था को बर्बाद कर देगी और कॉर्पोरेट सेक्टर द्वारा संचालित निजी विश्वविद्यालयों की मदद करेगी।”

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने यूजीसी को रविवार को पत्र भेजकर अपने फैसले से अवगत करा दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Teaching unions warn UGC about the dangers of mixed teaching method

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे