लाइव न्यूज़ :

बिहार में शिक्षकों के द्वारा बनाई जा रही है फर्जी हाजिरी, शिक्षा विभाग के ई-शिक्षा कोष एप को भी दे रहे हैं चकमा

By एस पी सिन्हा | Updated: December 21, 2024 16:27 IST

Open in App
ठळक मुद्देजांच में आरोप सही पाये जाने पर इन शिक्षकों पर निलंबन समेत सख्त कार्रवाई की जाएगीशिक्षा विभाग जिले में लगातार ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति बनाने में धोखाधड़ी पकड़ रहा हैफोटो से फोटो खींच कर, दूसरे शिक्षक का फोटो, विद्यालय को फोटो डालकर हाजिरी बनाई गई है

पटना: बिहार में शिक्षकों की फर्जी हाजिरी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसी कड़ी में गया, शिवहर और जमुई जिले से मामला सामने आया है। जहां शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के ई-शिक्षा कोष एप को भी चकमा दे दिया है। यहां शिक्षकों की हाजिरी यूपी से बनाया जा रहा है। शिकायत सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। फिलहाल, मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। विभाग ने कई शिक्षकों से इस संबंध में स्पष्टीकरण पूछा है।

शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) पारस कुमार ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि जमुई जिले में तीन ऐसे शिक्षकों का पता चला है जो उत्तर प्रदेश समेत अन्य जगहों पर रहते हुए जमुई में अवस्थित स्कूलों में हाजिरी बनाते रहे हैं। शिक्षा विभाग अब मामले की जांच के साथ ऐसे अन्य शिक्षकों को पकड़ने की कवायद कर रहा है। 

जांच में आरोप सही पाये जाने पर इन शिक्षकों पर निलंबन समेत सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि फर्जी हाजिरी का मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग जिले में लगातार ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति बनाने में धोखाधड़ी पकड़ रहा है। फोटो से फोटो खींच कर, दूसरे शिक्षक का फोटो, विद्यालय को फोटो डालकर हाजिरी बनाई गई है। शिक्षा विभाग की रैंडमली जांच में ऐसा मामला उजागर हुआ है। इन शिक्षकों बबीता कुमारी, कृष्ण कन्हैया, मो मुख्तार आलम सहित कई लोगों का नाम शामिल है। 

बताया जाता है कि ऐसे शिक्षक फर्जी हाजिरी बनाने के लिए अपने मोबाइल का खास मोड में इस्तेमाल करते हैं। दावा किया जाता है कि मोबाइल को फ्लाइट मोड में रखकर हाजिरी बनाने पर कहीं से भी उपस्थिति दर्ज हो जाती है। स्कूल के पांच सौ मीटर के दायरे में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। विभाग भी मानता है कि अगर शिक्षा पदाधिकारी विद्यालय का लोकेशन और दर्ज उपस्थिति का लोकेशन की पड़ताल करे तो और भी बड़ी तस्वीर सामने आएगी। 

शिक्षा विभाग (स्थापना) के डीपीओ पारस कुमार ने बताया कि विभाग ने ई-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति की रैंडम जांच की गई है।

टॅग्स :बिहारएजुकेशन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारत अधिक खबरें

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा