आज की चुनौतियों से निपटने के लिए तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं : कोविंद

By भाषा | Updated: November 18, 2020 19:10 IST2020-11-18T19:10:24+5:302020-11-18T19:10:24+5:30

Taxila can take inspiration from Nalanda universities to tackle today's challenges: Kovind | आज की चुनौतियों से निपटने के लिए तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं : कोविंद

आज की चुनौतियों से निपटने के लिए तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं : कोविंद

नयी दिल्ली, 18 नवंबर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि आज की चुनौतियों से निपटने के लिए हम तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभी विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने शिक्षण और अनुसंधान के उच्च स्तर निर्धारित किए थे।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चौथे वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के भारतीय विद्वानों को इस तरह के मूल ज्ञान का सृजन करने की कोशिश करनी चाहिए जिसका इस्तेमाल समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाए।

कोविंद ने दीक्षांत समारोह में कहा, ‘‘आज की चुनौतियों से निपटने के लिए हम तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभी विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने शिक्षण और अनुसंधान के उच्च स्तर निर्धारित किए थे। विशेष ज्ञान प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के विद्वान और छात्र इन केंद्रों में आए।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि उस प्राचीन प्रणाली में आधुनिकता के कई तत्व थे और उसने चरक, आर्यभट्ट, चाणक्य, पाणिनि, पतंजलि, गार्गी, मैत्रेयी और तिरुवल्लुवर जैसे महान विद्वानों को जन्म दिया। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, व्याकरण और सामाजिक विकास में अमूल्य योगदान दिया।

कोविंद ने कहा, ‘‘आज के भारतीय विद्वानों को इस तरह के मूल ज्ञान का सृजन करने की कोशिश करनी चाहिए जिसका इस्तेमाल समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाए। जेएनयू उच्च शिक्षा के उन चुनिंदा संस्थानों में से है जो वैश्विक रूप से तुलनीय उत्कृष्टता तक पहुंच सकते हैं।’’

राष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी की चर्चा करते कहा कि आज दुनिया इस महामारी के कारण संकट की स्थिति में है। कोविंद ने कहा, ‘‘महामारी के वर्तमान परिदृश्य में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बताती है कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए संक्रामक रोगों, महामारी विज्ञान, विषाणु विज्ञान, जांच-निदान, इंस्ट्रूमेंटेशन, टीका विज्ञान और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में अनुसंधान करने का बीड़ा उठाना महत्वपूर्ण है। संबंधित सामाजिक मुद्दों का भी अध्ययन करने की जरूरत है, विशेषकर बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ ऐसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कोशिश में जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों को विशिष्ट सहायता तंत्र विकसित करने और छात्र समुदायों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सबसे आगे होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि जेएनयू में भारतीय संस्कृति के सभी रंग दिखते हैं। विश्वविद्यालय परिसर में स्थित इमारतों, छात्रावासों, सड़कों और प्रतिष्ठानों के नाम भारतीय विरासत से लिए गए हैं। यह भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक तस्वीर का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारतीयता जेएनयू की विरासत है और इसे मजबूत करना इसका कर्तव्य है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Taxila can take inspiration from Nalanda universities to tackle today's challenges: Kovind

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे