नई दिल्ली: बांग्लादेश की जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने दावा किया है कि फेसबुक ने उनका अकाउंट 7 दिनों के लिए बैन कर दिया है। तस्लीमा नसरीन ने सोमवार को एक ट्वीट कर फेसबुक द्वारा उन्हें बैन किए जाने की बात कही। नसरीन ने लिखा, 'सच बोलने के लिए फेसबुक ने मुझे फिर 7 दिनों के लिए बैन कर दिया है।'
फेसबुक ने क्यों किया तस्लीमा नसरीन को बैन?
तस्लीमा नसरीन ने एक और ट्वीट किया और लिखा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर उसे हमले को लेकर उन्होंने जो लिखा था उसे लेकर फेसबुक ने उन्हें बैन किया है।
नसरीन के ट्वीट के मुताबिक, 'फेसबुक ने मुझे ये लिखने के लिए बैन कर दिया- इस्लामिस्ट ने बांग्लादेशी हिंदू घरों और मंदिरों को यह सोचकर बर्बाद किया कि हिंदुओं ने कुरान को हनुमान के पैर पर रखा था। लेकिन जब यह खुलासा हुआ कि इकबाल हुसैन ने ऐसा किया और हिंदुओं ने नहीं, तो इस्लामिस्ट चुप रहे, इकबाल के खिलाफ न ही कुछ बोला और न ही कुछ किया।'
फेसबुक के नियमों के मुताबिक अगर कोई उसकी 'हेट स्पीच' संबंधी नीतियों का उल्लंघन करता है, तो उसके अकाउंट को बैन किया जाता है।
वैसे, ये पहली बार नहीं है जब तस्लीमा नसरीन को फेसबुक ने बैन किया है। इससे पहले 16 मार्च को भी नसरीन ने कहा था कि फेसबुक ने उन्हें 24 घंटे के लिए बैन कर दिया था।
नसरीन ने तब ट्वीट किया था, 'फेसबुक ने मुझे 24 घंटे के लिए बैन कर दिया है। मेरा अपराध ये था कि मैंने एक बांग्लादेश हैंडिक्राफ्ट स्टोर आरोंग (Aarong) के उस फैसले को पसंद किया जिसने सेल्समैन के तौर पर उस जिहादी को काम पर नहीं रखा था जिसने दाढ़ी शेव कराने के नियम को मानने से इनकार कर दिया था। इस्लामिस्ट आरोंग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।'
बता दें कि हाल में दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा देखने को मिली थी। नसरीन इसकी लगातार आलोचना करती रही हैं। नसरीन ये तक कहा था उनका देश अब ‘जिहादिस्तान’ बनता जा रहा है जहां सरकार अपने सियासी फायदे के लिये मज़हब का इस्तेमाल कर रही है और मदरसे कट्टरपंथी पैदा करने में लगे हैं।
नसरीन को 1993 में उनके चर्चित उपन्यास ‘लज्जा’ के प्रकाशन के बाद बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। कथित गैर-इस्लामिक विचारों को लेकर उन्हें कई धमकियां मिल रही थी। इसके बाद से वे निर्वासित जीवन जी रही हैं।