फरवरी तक करीब तीन करोड़ अग्रिम पंक्ति के ‘कोरोना योद्धाओं’ के टीकाकरण का लक्ष्य : डॉ. हर्षवर्द्धन
By भाषा | Updated: January 17, 2021 13:24 IST2021-01-17T13:24:35+5:302021-01-17T13:24:35+5:30

फरवरी तक करीब तीन करोड़ अग्रिम पंक्ति के ‘कोरोना योद्धाओं’ के टीकाकरण का लक्ष्य : डॉ. हर्षवर्द्धन
(दीपक रंजन)
नयी दिल्ली, 17 जनवरी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा है कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत कोरोना वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों (फ्रंट लाइन वर्कर्स) को टीका लगाने का काम फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । उन्होंने कहा कि राज्यों से 26 जनवरी तक ऐसे कर्मचारियों के आंकड़े डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड करने को कहा गया है ।
डॉ. हर्षवर्द्धन ने ‘‘भाषा’’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘ पहले चरण के तहत स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का काम 16 जनवरी से शुरू हुआ है । दूसरे चरण के तहत अन्य फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया जायेगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ राज्यों से कहा गया है कि 26 जनवरी तक वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य कर्मचारियों के आंकड़े डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड करें । इसके बाद इन्हें टीका लगाने का काम शुरू किया जायेगा । ’’
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का कार्य शुरू करने से पहले भी राज्यों से 12 जनवरी तक डाटा अपलोड करने को कहा गया था और उसके बाद ही 16 जनवरी से टीका लगाने का काम शुरू हुआ है ।
उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों के स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स की संख्या करीब-करीब तीन करोड़ होती है और इनके टीकाकरण कार्य फरवरी तक पूरा किये जाने की उम्मीद है ।
मंत्री ने कहा, ‘‘ हम कोई नियत तिथि नहीं बता सकते लेकिन जून-जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है । ’’
हर्षवर्द्धन ने बताया कि टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जायेगा और चौथे चरण में 50 वर्ष से नीचे आयु के लोगों का टीकाकरण होगा ।
उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण अभियान में सबसे अहम बात टीका लगवाने वालों की पहचान और निगरानी की है। इसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए ‘को-विन’ नाम का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है।
मंत्री ने कहा कि आधार की मदद से लाभार्थियों की पहचान भी की जाएगी और उनको दूसरी खुराक समय पर मिले ये भी सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कोविड-19 टीकों को इस संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई में 'संजीवनी' बताया और लोगों से सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान नहीं देने और विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों पर भरोसा करने की अपील की ।
कोवैक्सीन टीके को लेकर कुछ नेताओं द्वारा सवाल उठाने के बारे में पूछे जाने पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “ पूरा देश जीवन के सामान्य होने की प्रतीक्षा कर रहा है। लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है। वैसे चंद लोग जो इस प्रक्रिया की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए दूसरों को गुमराह कर रहे हैं, वे आम लोगों द्वारा किए गए बलिदानों तथा हमारे समाज के भविष्य के प्रति अनुचित कार्य कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि लगभग कोरोना वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे करीब तीन करोड़ कर्मियों के टीकाकरण का खर्च भारत सरकार वहन करेगी। इसके तहत टीके की दो खुराक लेनी होंगी और दोनों खुराकों के बीच करीब एक महीने का अंतराल होगा।
टीकाकरण को लेकर तैयारियों पर उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक टीका लगाने वालों को प्रशिक्षित किया गया, कई अभ्यास किए गए और छोटी से छोटी गलतियों को दुरुस्त करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रक्रिया भी संचालित की गई।
कोविड-19 के खिलाफ भारत की समर्पित लड़ाई का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत में सर्वोच्च स्वस्थ दर है जो 96 प्रतिशत से अधिक है और मृत्यु दर 1.5 प्रतिशत से नीचे है, जो सबसे कम है।
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