कर्नाटक की सिंचाई परियोजना पर तमिलनाडु की आपत्ति ‘राजनीतिक जोखिम’: बोम्मई
By भाषा | Updated: July 4, 2021 21:50 IST2021-07-04T21:50:11+5:302021-07-04T21:50:11+5:30

कर्नाटक की सिंचाई परियोजना पर तमिलनाडु की आपत्ति ‘राजनीतिक जोखिम’: बोम्मई
बेंगलुरु, चार जुलाई कर्नाटक के विधि और संसदीय मामलों के मंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य की सिंचाई परियोजना पर तमिलनाडु की आपत्ति को ‘राजनीतिक जोखिम’ करार देते हुए कहा कि प्रदेश इससे कानूनी रूप से लड़ेगा।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष को मेकेदातु परियोजना पर आपत्ति नहीं जताने की अपील करते हुए पत्र लिखा है और कहा है कि इस परियोजना से दोनों राज्यों को फायदा मिलेगा। बोम्मई ने इस पत्र पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद जताई है। बोम्मई ने कहा, ‘‘तमिलनाडु हमेशा ही पानी के मुद्दे पर कर्नाटक से आपत्ति जताता रहा है, चाहे वह कावेरी मुख्य धारा का मुद्दा हो या कावेरी बेसिन की छोटी धारा का हो। न्यायाधिकरण के आदेश और कावेरी बोर्ड के गठन के बाद उनके लिए मुश्किलें हो गईं।’’
उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मेकेदातु परियोजना कर्नाटक क्षेत्र के दायरे में होगा और डूब क्षेत्र भी राज्य के भीतर का ही होगा। यह पेयजल परियोजना है और इसका तमिलनाडु की साझेदारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरई मुरुगन ने शनिवार को कर्नाटक के एक अन्य सिंचाई परियोजना पर आपत्ति जताई और कहा कि मार्कंडेय नदी पर नए बांध से कृष्णागिरि जिले में लगभग 870 हेक्टेयर की भूमि पर सिंचाई प्रभावित होगी। उन्होंने केंद्र सरकार से एक न्यायाधिकरण गठित कर इस मुद्दे के समाधान की अपील की।
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