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तमिलनाडु : महिला कामगारों ने किया प्रदर्शन, महत्वपूर्ण राजमार्ग को बाधित किया

By भाषा | Updated: December 18, 2021 17:22 IST

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चेन्नई, 18 दिसंबर स्मार्ट फोन का पुर्जा बनाने वाली एक कंपनी की ओर से कथित तौर पर संचालित केंद्र में भोजन करने और करीब 100 महिला कर्मियों के खाद्य विषाक्त के शिकार होने के बाद दो कर्मचारियों की मौत की अफवाह फैल गई जिसके बाद बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने अचानक प्रदर्शन कर व्यस्त चेन्नई-बेंगलुरु राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण शनिवार को यातायात बाधित हो गया।

महिला कर्मचारियों के प्रदर्शन की वजह से ट्रक सहित कई वाहन फंस गए और भारी जाम लग गया।

कर्मचारियों का प्रदर्शन शुक्रवार देर रात शुरू हुआ और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद करीब 12 घंटे बाद समाप्त हुआ। यह कंपनी स्मार्ट फोन और इलेक्ट्रानिक उपकरणों के पुर्जे बनाती है और इसका मुख्यालय विदेश में है।

दो अन्य स्थानों पर भी फैले विरोध प्रदर्शन से चेन्नई-तिरुपति मार्ग पर भी कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शन वापस ले लिया गया।

श्रमिकों के विरोध की पृष्ठभूमि में खाद्य विषाक्तता है, जिससे कंपनी की तरफ से तिरुवल्लुर जिले के उपनगरीय वेल्लावेडु में दिए गए आवास में रहने वाले कर्मचारी बीमार हो गए।

पुलिस ने कहा कि छात्रावास कैंटीन में उपलब्ध कराए गए भोजन का सेवन करने के बाद कर्मचारियों ने उल्टी और दस्त की जानकारी दी और उनमें से 132 को अस्पतालों में इलाज कराना पड़ा और चार लोगों को छोड़कर बाकी लोगों को छुट्टी दे दी गई। उन चार लोगों का इलाज जारी है।

एक अधिकारी ने बताया कि खाद्य विषाक्तता के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच जारी है।

अधिकारियों ने कहा कि वेल्लावेडु छात्रावास में 'बड़ी संख्या में' लोग रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद उसका निरीक्षण किया गया। यह तुरंत सुनिश्चित नहीं किया जा सका है कि क्या कर्मचारियों को रखने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित सभी मानदंडों का पालन करते हुए छात्रावास का संचालन किया जा रहा था।

पुलिस ने कहा कि जैसे ही कर्मचारियों के बीच यह अफवाह फैली कि कम से कम दो प्रभावित कर्मचारियों की मौत हो गई है, सबने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

श्रमिकों ने सुंगुवरचतिराम के पास चेन्नई-बेंगलुरु राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने के साथ ही पुलिस अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।

कांचीपुरम की जिला अधिकारी एम आरती और पुलिस अधीक्षक एम सुधाकर ने आंदोलनकारियों के साथ बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि कर्मचारी सुरक्षित हैं, जिसके बाद विरोध को वापस ले लिया गया।

आरती ने प्रदर्शनकारियों के बीच खड़ी होकर उन महिला कर्मचारियों को वीडियो कॉल किया जिनके बारे में अफवाह थी कि वे गंभीर हैं और प्रदर्शनकारियों से उनसे बात करने का अनुरोध किया। उन्होंने दोबारा प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि सभी सुरक्षित और स्वस्थ हैं।

जिलाधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सुविधा की बेहतर निगरानी और निरीक्षण के लिए समिति बनाई जाएगी।

कंपनी ने अब तक इस मामले पर टिप्पणी नहीं की है और न ही यह आकलन किया है कि प्रदर्शन से कोई नुकसान हुआ है या नहीं। विरोध प्रदर्शन के चलते कांचीपुरम से गुजरने वालो राजमार्ग पर करीब 12 घंटे तक वाहन फंसे रहे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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