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स्टरलाइट को ऑक्सीजन निर्माण की अनुमति देगा तमिलनाडु, अन्य संयंत्रों के संचालन पर प्रतिबंध

By भाषा | Updated: April 26, 2021 17:07 IST

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चेन्नई, 26 अप्रैल तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चार महीने के लिए तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन निर्माण की अनुमति देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी।

इससे प्रदूषण की चिंताओं के कारण बंद पड़े तांबा पिघलाने वाले संयंत्र को आंशिक रूप से फिर से खोले जाने का रास्ता साफ हुआ।

राज्य सरकार ने मई 2018 में दक्षिणी जिले में स्टरलाइट के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के बाद संयंत्र को बंद कर दिया था।

मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक हुई जिसमें मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक एवं अन्य शामिल हुए। बैठक में स्टरलाइट को अपने तूतीकोरिन संयंत्र में ऑक्सीजन निर्माण की इजाजत देने के लिए समाधान तलाशा गया। कुछ दिन पहले वेदांता ने इसी संबंध में उच्चतम न्यायालय का रुख कर ऑक्सीजन निर्माण की इच्छा जतायी थी।

बैठक में कहा गया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को मरम्मत एवं ऑक्सीजन के निर्माण तथा संबंधित उपकरण के लिए चार महीने बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकती है।’’

आदेश में कहा गया कि इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है लेकिन किसी कीमत पर वहां अन्य गतिविधि जैसे कि तांबा निर्माण और सह-निर्माण संयंत्र को नहीं चलाया जायेगा। इस अवधि (चार महीने) के बाद संयंत्र को बिजली आपूर्ति बंद कर दी जायेगी।

बैठक में कहा गया कि ऑक्सीजन के उत्पादन में तमिलनाडु को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और यहां पर जरूरतें पूरी होने के बाद ही दूसरे राज्यों में इसकी आपूर्ति होनी चाहिए।

जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इंजीनियर, ऑक्सीजन उत्पादन के संबंधी में विशेषज्ञ सरकारी कर्मचारी, स्थानीय निवासी, गैर सरकारी संगठनों के सदस्य और संयंत्र का विरोध करने वाले कार्यकर्ता ऑक्सीजन उत्पादन की निगरानी करेंगे और इकाई को चलाने पर फैसला करेंगे।

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं। अदालत ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किया कि कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए ऑक्सीजन निर्माण को लेकर आखिर राज्य सरकार स्टरलाइट तांबा संयंत्र को अपने हाथ में क्यों नहीं ले रही है।

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश ए ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस बात में कोई रूचि नहीं है कि संयंत्र को वेदांता या ए, बी या सी चलाता है। हमें बस इतना पता है कि ऑक्सीजन निर्माण होना चाहिए।’’

बहरहाल, राज्य सरकार ने सोमवार को कहा कि वेदांता ने अदालत में कहा है कि वह आसपास के अस्पतालों के राज्य के दूसरे भागों के लिए स्टरलाइट की अपनी दो इकाइयों में 1050 टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकती है।

बैठक में शामिल रहे भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख एल मुरगन ने कहा कि ध्यान जान बचाने पर होना चाहिए और तमिलनाडु की जरूरतें पूरी होने के बाद ऑक्सीजन दूसरे राज्यों को दी जा सकती है।

द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने ट्वीट किया कि वेदांता को ‘अस्थायी’ अनुमति दी गयी है और आश्वस्त किया कि दो मई को मतगणना के बाद द्रमुक के सत्ता में आने पर संयंत्र को नहीं खोलने दिया जाएगा।

तमिलनाडु में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव हुआ था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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