भारत बंद से पहले कृषि कानूनों पर मप्र में भाजपा और कांग्रेस में तकरार जारी

By भाषा | Updated: December 7, 2020 22:57 IST2020-12-07T22:57:48+5:302020-12-07T22:57:48+5:30

Talks on agricultural laws continue in MP and BJP in India before Bharat Bandh | भारत बंद से पहले कृषि कानूनों पर मप्र में भाजपा और कांग्रेस में तकरार जारी

भारत बंद से पहले कृषि कानूनों पर मप्र में भाजपा और कांग्रेस में तकरार जारी

भोपाल, सात दिसंबर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद से एक दिन पहले मध्यप्रदेश में सत्तारुढ़ भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के बीच जबानी जंग जारी रही।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों से चर्चा किये बिना ही कृषि क्षेत्र में तीन नए कानून पारित करा लिए। वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री और भाजपा नेता कमल पटेल ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने 55 साल के शासन में कृषि क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिये कुछ नहीं किया।

कमलनाथ ने एक बयान में कहा, ‘‘ केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों की बगैर सहमति से, उनसे बगैर चर्चा किए तीन नए कृषि कानून लागू किए गए हैं जो किसान विरोधी हैं और किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कोई गारंटी का जिक्र नहीं है। इन कानूनों से मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। इन क़ानूनों से सिर्फ़ कॉरपोरेट जगत को फायदा होगा और जमाखोरी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। यह काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता मंगलवार को मध्यप्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर आंदोलन करेंगे।

वहीं, राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि नए कानून कृषि क्षेत्र में कॉरपोरेट का प्रवेश सुनिश्चत करना चाहते हैं। यह क्षेत्र वर्तमान में 12-15 लाख करोड़ रुपये का है।

माकपा की केन्द्रीय समिति के सदस्य और मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति के संयोजक बादल सरोज ने कहा कि प्रदेश के 1,500 से अधिक किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं, जबकि पूर्व विधायक और किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने कहा कि इन तीन कानूनों को रद्द करने से कम पर किसान सहमत नहीं होंगे।

उधर, मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पटेल ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि किसान भाजपा के साथ हैं और राज्य में हाल ही में 28 सीटों पर हुए उपचुनावों में किसानों ने भाजपा को पूरा समर्थन दिया है।

पटेल ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस ने किसानों के लिये कुछ नहीं किया। न ही उनके लिये आवास और शौचालय बनाये। कांग्रेस के शासन काल में किसानों को 18-20 प्रतिशत ब्याज पर चक्रवृद्धि ब्याज देना पड़ता था। इसके कारण कई किसानों को अपनी जमीनें भी बेचनी पड़ीं।’’

उन्होंने कहा कि पहले की प्रणाली से केवल बिचौलियों को फायदा हुआ जो किसानों की कीमत पर अमीर बन गये।

पटेल ने कहा कि जो इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें इन कानूनों की विसंगतियों के बारे में हमें समझाना चाहिये।

पटेल ने दावा किया कि केन्द्र सरकार बात करने के लिये तैयार है, लेकिन प्रदर्शनकारी अड़े हुए हैं।

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