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महामारी के कारण बंगाल में सादे तरीके से मनाई गई टैगोर की पुण्यतिथि

By भाषा | Updated: August 8, 2021 20:36 IST

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कोलकाता, आठ अगस्त पश्चिम बंगाल में महामारी के कारण रवीन्द्रनाथ टैगोर की 80वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को सादे तरीके से कार्यक्रम आयोजित किये गए तथा विभिन्न संगठनों और लोगों ने डिजिटल माध्यम से ‘गुरुदेव’ को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता टैगोर द्वारा 1921 में शांतिनिकेतन में स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने विश्वविद्यालय परिसर में कुछ चुनिंदा शिक्षकों की उपस्थिति में टैगोर को श्रद्धांजलि दी। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बतया कि इस अवसर पर 30 से भी कम लोग उपस्थित रहे जबकि कोविड से पूर्व ऐसे आयोजन में बहुत से लोग शामिल होते थे।

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, अस्सी वर्ष की आयु में टैगोर का निधन सात अगस्त 1941 को हुआ था लेकिन उनकी पुण्यतिथि बंगाली कैलेंडर के अनुसार ‘बाइसे श्राबोन’ (श्रावण मास के 22वें दिन) मनाई जाती है। शहर के नीमतला शवदाहगृह में आज के दिन 1941 में टैगोर के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी गई थी।

इस स्मारक पर बिना किसी आयोजन के पुष्पांजलि दी गई। सांस्कृतिक संगठन रवीन्द्र भारती सोसाइटी ने जूम के जरिये, ‘गुरुदेव’ द्वारा रचित गीत पर आधारित एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें शिक्षाविद पवित्रा सरकार और गायिका स्वप्ना घोषाल, संपा कुंडू और अन्य ने भाग लिया।

एक पदाधिकारी ने कहा, “कोविड-19 संकट के कारण हम इसका आयोजन जोरासांको पर नहीं कर सके इसलिए हमने पिछले साल की तरह डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन किया।”

राज्य के शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु, उत्तर कोलकाता स्थित टैगोर के जन्म स्थान जोरासांको में एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे लेकिन कुछ व्यस्तताओं के चलते नहीं जा सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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