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एसवाईएल पानी मुद्दा: अभय चौटाला ने पंजाब के साथ लगती हरियाणा की सीमा बंद करने की मांग की

By भाषा | Updated: December 22, 2020 18:14 IST

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चंडीगढ़, 22 दिसंबर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को कहा कि जब तक पंजाब हरियाणा को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) के पानी का उसका हिस्सा नहीं देता तब तक हरियाणा को पंजाब से लगती अपनी सीमा बंद कर लोगों की आवाजाही एवं माल की ढुलाई रोक देना चाहिए।

इनेलो नेता ने कहा कि अगर खट्टर सरकार पंजाब को हरियाणा की मांग मानने के लिए जोर देने का फैसला करती है तो वह उसका समर्थन करेंगे।

अभय सिंह चौटाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ (हरियाणा) सरकार आज ही (इस पर) निर्णय ले। जब तक हमें पानी का अपना उचित हिस्सा नहीं मिल जाता, तब तक हम उसका (सरकार का) इस निर्णय पर समर्थन करेंगे। हम किसी को भी पंजाब से लगती सीमा से हरियाणा में नहीं आने देंगे।’’

एलेनाबाद के विधायक ने कहा, ‘‘जब तक हमें पानी का अपना हिस्सा नहीं मिल जाता तब तक हम उस राज्य में माल की ढुलाई रोक देंगे। पहले वह (हरियाणा सरकार) इस विषय पर निर्णय लें। ’’

चौटाला ने कहा कि सालों से इनेलो प्रयास करता रहा है कि हरियाणा को ‘‘पानी का उसका उचित हिस्सा’’ मिले।

उन्होंने याद किया कि तीन साल पहले उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ‘‘पंजाब जाने वाले सभी मार्ग बंद कर दिये थे ताकि उन्हें अहसास हो कि यदि वह पानी का हमारा हिस्सा रोक देते हैं तो हम उन्हें हरियाणा में प्रवेश नहीं करने देंगे।’’

इनेलो अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पी चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा हरियाणा में छह साल से सत्ता में है लेकिन उसने एसवाईएल के मुद्दे पर कभी गंभीरता नहीं दिखायी।

उन्होंने कहा कि केंद्र के तीन नये कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रदेश भाजपा नेतृत्व ‘‘किसानों को बांटने के लिए’ एसवाईएल मुद्दा उठा रहा है लेकिन ऐसा नहीं होने जा रहा है, किसान केंद्र को कृषि कानून वापस लेने के लिए राजी करके ही मानेंगे।’’

अभय सिंह चौटाला ने दावा किया कि हरियाणा के भाजपा नेता एसवाईएल के समर्थन में उपवास का ड्रामा कर रहे हैं।

एसवाईएल नहर परियोजना का विरोध करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि यदि पंजाब को हरियाणा के साथ पानी साझा करने के लिए बाध्य किया गया तो ‘‘पंजाब जल उठेगा। ’’

एसवाईएल दोनों राज्यों के बीच विवादास्पद मुद्दा रहा है और पंजाब में नहर का हिस्सा अब भी अधूरा है। निर्माण कार्य 1982 में शुरू हुआ था।

पंजाब रावी ब्यास नदी के पानी की मात्रा का फिर से आकलन करने की मांग कर रहा है। हरियाणा अपने हिस्से का 35 लाख एकड़ फुट पानी लेने के लिए एसवाईएल नहर का निर्माण कार्य पूरा करने की मांग कर रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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