राममंदिर निर्माण का शिलान्यास करने अयोध्या जाएंगे स्वामी शंकराचार्य, धर्म संसद में तय होगी तारीख
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 18, 2019 05:47 AM2019-01-18T05:47:35+5:302019-01-18T05:47:35+5:30
स्वामी स्वरूपानंद जी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने जो शिलान्यास किया था वह रामलला के के गर्भगृह से 192 फिट दूर है. वैदिक पद्धति से वास्तुनुसार श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया जायेगा.
द्विपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने आज अपने 71वें दीक्षा समारोह में कहा कि वह राम मंदिर निर्माण के मामले में वह अदालत के फैंसले का इंतजार नहीं करेंगे और वे शीघ्र ही राम मंदिर का शिलान्यास करने अयोध्या जायेंगे. इस संबंध में प्रयागराज कुंभ में आयोजित धर्म संसद में चर्चा के बाद शिलान्यास की रूपरेखा व तिथि तय होगी.
स्वामी स्वरूपानंद जी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने जो शिलान्यास किया था वह रामलला के के गर्भगृह से 192 फिट दूर है. वैदिक पद्धति से वास्तुनुसार श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया जायेगा. फिर बाद में मंदिर निर्माण होगा. मंदिर निर्माण के संबंध में उन्होंने भाजपा व आरएसएस पर निशाना साधते हुये कहा कि ये राम मंदिर का हल्ला इसलिये मचाते रहते हैं ताकि कोई कांग्रेसी नेता यह कह दे कि मंदिर वहां नहीं बनना है और वे इसको मुद्दा बना लें.
उन्होंने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुये कहा कि प्रधानमंत्री मंदिर निर्माण में न्यायालय ने आदेश का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि न्यायालय के आदेश के बाद ही वे मंदिर निर्माण करवायेंगे साथ ही वे यह भी बोलते हैं कि कांग्रेसी वकील मंदिर निर्माण के मामले में अदालत में बाधा डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जज के सामने वकील क्या करेगा. फैंसला जज को देना है.
उन्होंने पुन: राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि राम मंदिर के निर्माण का निर्माण किसी भी दल की सरकार नहीं करवा सकती. क्योंकि सरकार के निर्वाचित प्रधानमंत्री व मंत्री संविधान क शपथ लेते हैं और हमारा संविधान धर्मनिर्पेक्ष ऐसे में कोई भी प्रधानमंत्री मंदिर का निर्माण कैंसे कर सकता है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी ने कहा कि शिलान्यास के लिये उनहोंने सिख्यों को भी अमंत्रित किया है और मुसलमानों को भी अमंत्रित किया है.
उन्होंने सभी से आव्हान किया कि वह राम मंदिन निर्माण में अपना सहयोग करना चाहते हैं तो वह किसी भी रूप में कर सकते हैं. वहीं उन्होंने गौवंश के संबंध में कहा कि आज सबसे ज्यादा गौवंश का निर्यात हमारे देश से हो रहा है. जब यूपीए की सरकार थी तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा इस बात के लिये यह बात कहा करते थे कि गौवंश का निर्यात व हत्या बंद हो लेकिन उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद न निर्यात बंद हुआ न ही गौहत्या बंद हुई.
उन्होंने आरएसएस प्रमुखा मोहन भागवत पर भी निशाना साधते हुये कहा कि वो नकली हिन्दू हैं असली हिन्दू हम हैं क्योंकि हम सनातनी हिन्दू हैं. शादी हमारे लिये संस्कार होती है और उनके लिये कॉन्ट्रेक्ट है. स्वामी स्वरूपानंद जी ने स्वच्छ भारत के संबंध में भी कहा कि भारत स्वच्छ होना चाहिए, विकास होना चाहिए लेकिन इसके पहले व्यक्ति को उसकी बुनियादी सुविधाएं देना जरूरी हैं. आज शौंचालय तो बन गये लेकिन पानी नहीं है. जरूरी यह है कि विकास तो हो लेकिन अधोसंरचना के साथ.
नारी सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि आये दिनों होने वाली घटनाओं से यह स्पष्ट हो रहा है कि लोगों में नैतिक आचरण आचरण की कमी है. इसलिये जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा देनी चाहिए. ताकि नारी के प्रति इसके मन में एक सम्मान का भाव रहे.