लाइव न्यूज़ :

निलंबित सांसदों को ऐसी सजा मिले जो मिसाल बने: प्रह्लाद जोशी

By भाषा | Updated: November 29, 2021 22:48 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 29 नवंबर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि इस शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए उच्च सदन के 12 निलंबित सदस्यों ने सदन का अपमान किया है और उन्हें ऐसी सजा दी जानी चाहिए, जो मिसाल बन सके और प्रतिरोध का काम करने के साथ संसद की विश्वसनीयता को भी बहाल कर सके।

जोशी ने यह भी कहा कि अगर निलंबित सदस्य राज्यसभा के सभापति से माफी मांगते हैं तो सरकार उनका निलंबन रद्द करने पर विचार कर सकती है।

नायडू को लिखे पत्र में जोशी ने पिछले सत्र में हुए घटनाक्रम का विस्तृत उल्लेख किया और कहा कि इन सदस्यों का व्यवहार ‘गैरकानूनी, आपराधिक और अपमानजनक’ था।

उन्होंने गत मॉनसून सत्र का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘राज्यसभा के 254वें सत्र को निश्चित तौर पर हमारे संसदीय इतिहास का सबसे निंदनीय और शर्मनाक सत्र गिना जाएगा।’’

संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के लिए, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।

उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।

इस बीच, कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार के इस ‘अधिनायकवादी फैसले’ के खिलाफ आगे की रणनीति तय करने के लिए वे मंगलवार को बैठक करेंगे।

विपक्षी दलों ने कहा, ‘‘पिछले सत्र की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर सांसदों को निलंबित करने के लिए सरकार की ओर से लाया गया प्रस्ताव अप्रत्याशित और राज्यसभा के कामकाज एवं प्रक्रियाओं से संबंधित नियमों का उल्लंघन है।’’

जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि पूरे देश ने देखा कि मॉनसून सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त को विपक्ष ने कैसा व्यवहार किया।

उन्होंने कहा, '' सभी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं, जिन्हें खुद इन्होंने ही सोशल मीडिया पर साझा किया। कार्रवाई करने का केवल यही एक उपलब्ध विकल्प था और सभापति ने कार्रवाई की।''

मंत्री ने कहा कि सरकार ने विपक्षी सदस्यों से माफी मांगने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने इससे इंकार किया, इसलिए यह फैसला लिया गया है।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

टेकमेनियाYouTube down: यूट्यूब हुआ डाउन, भारत और यूएस में हजारों यूजर्स ने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के साथ समस्याओं की शिकायत की

क्रिकेटIND Vs SA 5th T20I: आज क्यों नहीं खेल रहे हैं शुभमन गिल? भारत के उप-कप्तान को लेकर BCCI ने मेडिकल अपडेट जारी किया

क्रिकेटU19 Asia Cup 2025: श्रीलंका को हराकर अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पहुँचा भारत, PAK से होगी खिताबी जंग

भारतहरियाणा सरकार पर जनता का नॉन-स्टॉप भरोसा, मुख्यमंत्री

भारतमध्य प्रदेश: '2047 तक प्रदेश की इकोनॉमी 2.5 ट्रिलियन डॉलर होगी', मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित

भारत अधिक खबरें

भारतBMC छोड़ सभी निकायों में सीट बंटवारा पूरा?, राज और उद्धव ठाकरे में गठजोड़, ऐलान 20-25 दिसंबर के बीच

भारतNagpur Solar Plant: पानी की टंकी गिरने से 6 लोगों की मौत

भारतनीतीश सरकार के 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना पर पड़ा बुरा असर

भारतबिहार हिजाब विवादः 20 दिसंबर को डॉ नुसरत प्रवीण ज्वाइन करेंगी सरकारी नौकरी, सीएम नीतीश कुमार के समर्थन में उतरे NDA नेता, देखिए किसने क्या कहा

भारतपीएम मोदी भारत में X की नई 'सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली' रैंकिंग में सबसे आगे