भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को खरी- खरी सुनाई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुल जाने के बाद भी पाकिस्तान से कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। सुषमा स्वराज ने हैदराबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान जब भारत में आतंकवादी गतिविधियां बंद कर देगा तभी उससे बातचीत शुरू होगी।
भारत इस गलियारे की लंबे समय से मांग करता रहा है, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आ जा सकें।
स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस कदम भर से द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती।’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आज इसका शिलान्यास करेंगे। भारत की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसका शिलान्यास 26 नवम्बर को किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 20 वें सार्क सम्मलेन के लिए पाकिस्तान की तरफ से न्योता दिए जाने पर भी सुषमा स्वराज ने जवाब दिया और कहा, 'हमलोग उनके न्योते पर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं, आतंकवाद को रोकने के बाद ही किसी प्रकार की बातचीत होगी'।
मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि इस्लामाबाद में होने वाले 20 वें सार्क समिट के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी न्योता भेजा जायेगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस्लामाबाद में कश्मीर कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कह था कि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो हम दो कदम बढ़ाएंगे'।
सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को स्पष्ट सन्देश दिया है कि आतंकवाद को रोके बिना कोई बातचीत संभव नहीं है। पिछले 7 दिनों में कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक दर्जन से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया है।