संविधान से इंडिया शब्द हटाकर सिर्फ भारत रखने की मांग, SC में आज होगी सुनवाई
By स्वाति सिंह | Updated: June 2, 2020 10:34 IST2020-06-02T09:56:56+5:302020-06-02T10:34:35+5:30
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को 'इंडिया' शब्द को 'भारत' से बदलने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने 'इंडिया' को 'भारत' में बदलने के लिए एक दिशा-निर्देश की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट 'इंडिया' शब्द को 'भारत' से बदलने की मांग वाली याचिका पर मंगलवार (2 जून) को सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर संविधान से इंडिया शब्द को समाप्त करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि इंडिया शब्द गुलामी की निशानी है और इसीलिए उसकी जगह भारत या हिंदुस्तान का इस्तेमाल होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार (2 जून) को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका पर पूरे देश की नजर है।
इस में सुनवाई शुक्रवार को ही सुनवाई होनी थी लेकिन चीफ जस्टिस एसए बोबडे के उपलब्ध नहीं रहने के कारण से इसे टाल दिया। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, दिल्ली के रहने वाले याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस तरह का संशोधन देश के नागरिकों को गुलामी बोध से उबारने वाला साबित होगा। उसने संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करके इंडिया शब्द हटा कर देश का नाम भारत या हिन्दुस्तान रखने की मांग की गई है।
Supreme Court to hear today a petition seeking replacement of word 'India' with 'Bharat'. The petitioner, Namah, has sought a direction to change the English name of country INDIA to BHARAT. pic.twitter.com/1wTPhlRaSy
— ANI (@ANI) June 2, 2020
1948 में हुई संविधान सभा की बैठक का दिया गया हवाला
Supreme Court to hear today a petition seeking replacement of word 'India' with 'Bharat'. The petitioner, Namah, has sought a direction to change the English name of country INDIA to BHARAT. pic.twitter.com/1wTPhlRaSy
— ANI (@ANI) June 2, 2020याचिकाकर्ता का कहना है इंडिया शब्द औपनिवेशिक शासन की याद दिलाता है, यह शब्द एक तरह से दास्ता का प्रतीक है और इसे हटाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि 1948 में संविधान सभा की बैठक में भी इंडिया को भारत या हिंदुस्तान कहे जाने पर ज्यादा जोर था।
याचिका में दावा किया गया है कि भारत या हिंदुस्तान राष्ट्रीयता के प्रति सम्मान का भाव पैदा करते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि हम अपनी पहचान को किसी दूसरे के नजरिए से कैसे देख सकते हैं। भारतभूमि, सनातवनी व्यवस्था का गवाह रही है। दुनिया के नक्शे पर राजनीतिक तौर पर देशों का उदय हुआ। लेकिन यह भूमि संस्कृति की वाहक बनी।
क्या है अनच्छेद 1
अनुच्छेद 1 कहता है कि भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि इंडिया शब्द से गुलामी की अनुभूति होती है और यदि इसे हटाकर भारत या हिंदुस्तान का ही प्रयोग किया जाए तो इससे देशवासियों में राष्ट्रीय भावना विकसित होगी।याचिका में कहा गया है कि, अंग्रेजी नाम का हटना भले ही प्रतीकात्मक होगा लेकिन यह हमारी राष्ट्रीयता, खास तौर से भावी पीढ़ी में गर्व का बोध भरने वाला होगा।