सुप्रीम कोर्ट रिमांड आदेश के खिलाफ पी चिदंबरम की याचिका पर आज करेगा सुनवाई
By भाषा | Updated: August 27, 2019 06:05 IST2019-08-27T06:05:43+5:302019-08-27T06:05:43+5:30
शीर्ष अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगी।

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उच्चतम न्यायालय आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में भेजे जाने के निचली अदालत के 22 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली पूर्व वित्त मंत्री की एक नयी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। यह याचिका न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
शीर्ष अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने राज्यसभा सदस्य चिदंबरम की ओर से पेश होते हुए सोमवार को पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि निचली अदालत के 22 अगस्त के आदेश (उन्हें सीबीआई हिरासत में सौंपे जाने) को चुनौती देने वाली उनकी (चिदंबरम की) नयी याचिका आज (सोमवार) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं थी, जबकि शीर्ष न्यायालय ने इसके लिए पिछले हफ्ते निर्देश दिया था।
हालांकि, पीठ ने सिब्बल से कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई से शीर्ष न्यायालय की रजिस्ट्री को आवश्यक आदेश मिलने के बाद ही यह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगी। पीठ ने सिब्बल से कहा, ‘‘रजिस्ट्री को कुछ दिक्कत है और उन्हें प्रधान न्यायाधीश से आदेश लेना होगा।’’
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश से आदेश प्राप्त करने के बाद मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।’’ गौरतलब है कि चिदंबरम ने सीबीआई और ईडी द्वारा आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत खारिज करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के आदेश को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है।
हालांकि, चिदंबरम को सोमवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले में सीबीआई के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि चिदंबरम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, इसलिए अग्रिम जमानत याचिका रद्द होने के खिलाफ उनकी अपील अब निरर्थक हो गयी है। बहरहाल, पीठ ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार पी चिदंबरम कानून के प्रावधानों के तहत राहत प्राप्त करने के लिये स्वतंत्र हैं।
हालांकि, पीठ ने चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन के मामले में कांग्रेस के इस 73 वर्षीय नेता को मंगलवार तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया। संप्रग-एक और संप्रग दो सरकार में चिदंबरम 2004 से 2014 के दौरान वित्त मंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं।
इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में राज्यसभा सदस्य चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि सोमवार को चार दिन के लिये बढ़ा दी। चार दिन की सीबीआई हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था।
अदालत ने 22 अगस्त को चिदंबरम को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा था। जांच एजेंसी ने उनकी हिरासत की अवधि और पांच दिन बढ़ाने की मांग की थी। चिदंबरम को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था। उन्हें 22 अगस्त को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया था।
चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी की मंजूरी देने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था।