उच्चतम न्यायालय ट्रैक्टर परेड में हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर बुधवार को करेगा सुनवाई

By भाषा | Updated: February 2, 2021 19:08 IST2021-02-02T19:08:42+5:302021-02-02T19:08:42+5:30

Supreme Court to hear petitions related to violence in tractor parade on Wednesday | उच्चतम न्यायालय ट्रैक्टर परेड में हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर बुधवार को करेगा सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ट्रैक्टर परेड में हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर बुधवार को करेगा सुनवाई

नयी दिल्ली, दो फरवरी उच्चतम न्यायालय 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से जुड़ी कुछ याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेगा। इसमें एक याचिका में घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग बनाने का भी अनुरोध किया गया है।

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में 26 जनवरी को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी, लेकिन कुछ ही देर में दिल्ली की सड़कों पर अराजकता फैल गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ भी उनकी झड़प हुई। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल याचिका में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया है जो इस मामले में साक्ष्यों को एकत्र करे तथा उन्हें रिकॉर्ड करे और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे। तीन सदस्यीय इस आयोग में उच्च न्यायालय के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को शामिल करने का भी आग्रह किया गया है।

उन्होंने हिंसा और 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के लिए जिम्मेदार लोगों अथवा संगठनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के वास्ते संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

एक अन्य याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल की है। इसमें दावा किया गया है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ साजिश की गयी और बिना किसी सबूत के किसानों को कथित तौर पर ‘‘आतंकवादी’’ बताया गया।

शर्मा ने केंद्र और मीडिया को निर्देश जारी कर बिना किसी प्रमाण के झूठे आरोप लगाने और किसानों को आतंकवादी बताने से रोकने का अनुरोध किया है।

तिवारी और शर्मा के अलावा घटना से संबंधित कुछ अन्य याचिकाओं पर भी न्यायालय सुनवाई करेगा।

तिवारी की याचिका में कहा गया है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन दो माह से भी अधिक समय से जारी है और ट्रैक्टर परेड के दौरान इसने ‘‘हिंसक रूप’’ ले लिया।

याचिका में कहा गया, ‘‘मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि जब किसान आंदोलन दो माह से भी अधिक समय से शांतिपूर्वक चल रहा था तो कैसे यह हिंसक अभियान में तब्दील हो गया और इससे 26 जनवरी को हिंसा हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा और जन हित में यह प्रश्न विचारयोग्य है कि अशांति फैलाने के लिए कौन जिम्मेदार है और कैसे और किसने किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक अभियान में तब्दील कर दिया या किसने और कैसे ऐसे हालात पैदा कर दिए कि प्रदर्शन हिंसक हो गया।’’

इसमें कहा गया कि गणतंत्र दिवस पर पुलिस और किसानों के बीच हुई हिंसा पर पूरी दुनिया की नजरें गई हैं।

याचिका में कहा गया, ‘‘दोनों ओर से आरोप लग रहे हैं इसलिए मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए।

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Web Title: Supreme Court to hear petitions related to violence in tractor parade on Wednesday

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