सुप्रीम कोर्ट अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को सुनवाई करेगा

By भाषा | Updated: May 10, 2023 22:13 IST2023-05-10T22:11:34+5:302023-05-10T22:13:17+5:30

बाजार नियामक सेबी ने शेयरों के मूल्यों में अडानी समूह द्वारा ‘हेरफेर’ किये जाने और उसकी नियामकीय रिपोर्ट में खामियों से जुड़े आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने समय बढ़ाने की मांग की थी। हाल में, हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों के मूल्यों में भारी गिरावट देखने को मिली थी।

Supreme Court to hear petitions related to Adani-Hindenburg dispute on May 12 | सुप्रीम कोर्ट अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को सुनवाई करेगा

सर्वोच्च न्यायलय (फाइल फोटो)

Highlightsअडानी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई 12 मई को सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालयअडानी समूह पर शेयर के मूल्यों में ‘हेरफेर’ करने और त्रुटिपूर्ण नियामकीय जानकारी देने के आरोप हैं

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को सुनवाई करेगा। शेयर मूल्यों में ‘हेरफेर’ तथा त्रुटिपूर्ण नियामकीय जानकारी देने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने की और मोहलत देने की बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की अर्जी पर भी उसी दिन विचार किये जाने की संभावना है।

अडानी समूह पर शेयर के मूल्यों में ‘हेरफेर’ करने और त्रुटिपूर्ण नियामकीय जानकारी देने के आरोप हैं। शीर्ष न्यायालय ने दो मार्च को ‘सेबी’ को इन आरोपों की जांच दो महीने में पूरी करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट आने पर अडाणी समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य (पूंजीकरण) में 140 अरब डॉलर की गिरावट आने के बाद भारतीय निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक समिति भी गठित की थी।

 शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर ‘अपलोड’ किये गये वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। मीडिया में आई इन खबरों के मद्देनजर यह सुनवाई मायने रखती है कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंप दी है। समिति का गठन मौजूदा नियामक व्यवस्था का आकलन करने और प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए किया गया था।

हाल में, बाजार नियामक सेबी ने शेयरों के मूल्यों में अडानी समूह द्वारा ‘हेरफेर’ किये जाने और उसकी नियामकीय रिपोर्ट में खामियों से जुड़े आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने समय बढ़ाने की मांग की थी। सेबी ने शीर्ष न्यायालय में अपनी एक अर्जी में कहा है कि उसे वित्तीय अनियमितता या फर्जी लेनदेन से जुड़े संभावित उल्लंघनों का पता लगाने के लिए छह महीने की और मोहलत चाहिए।

शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति सप्रे समिति को केंद्र और सेबी अध्यक्ष सहित अन्य सांविधिक एजेंसियों द्वारा सहायता मुहैया की जा रही है। न्यायालय ने 10 फरवरी को कहा था कि अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आने के बाद शेयर बाजार में अस्थिरता को लेकर भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा किये जाने की जरूरत है। हाल में, हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों के मूल्यों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, अडानी समूह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने सभी कानूनों का पालन किया है। 

Web Title: Supreme Court to hear petitions related to Adani-Hindenburg dispute on May 12

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