धार्मिक स्थलों में महिलाओं से भेदभाव के बारे में चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट आज तय करेगा मुद्दे

By भाषा | Updated: February 3, 2020 07:21 IST2020-02-03T06:40:37+5:302020-02-03T07:21:22+5:30

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शंतनगौदार, न्यायमूर्ति एस ए नजीर , न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्याकांत शामिल हैं।

Supreme Court to decide issues today to discuss discrimination against women in religious places | धार्मिक स्थलों में महिलाओं से भेदभाव के बारे में चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट आज तय करेगा मुद्दे

सुप्रीम कोर्ट की इमारत। (फाइल फोटो)

उच्चतम न्यायालय विभिन्न धर्मों में और केरल के सबरीमला मंदिर सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के बारे में चर्चा के लिए सोमवार को मुद्दे तय करेगा। नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में महिलाओं का खतना और गैर पारसी पुरूषों से शादी कर चुकी पारसी महिलाओं के पवित्र अग्नि स्थल में प्रवेश पर रोक से संबंधित मुद्दों पर विचार करेगी।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शंतनगौदार, न्यायमूर्ति एस ए नजीर , न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्याकांत शामिल हैं।

शीर्ष न्यायालय ने 13 जनवरी को चार वरिष्ठ वकीलों से कहा था कि वे इस विषय में चर्चा किए जाने वाले मुद्दों पर फैसले के लिए एक बैठक आयोजित करें।

पिछले साल 14 नवंबर को वृहद पीठ के पास इस मामले को भेजते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि उपासना स्थल पर महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर पाबंदी जैसे धार्मिक रीति रिवाजों की संवैधानिक वैधता पर बहस सिर्फ सबरीमला तक सीमित नहीं है। पीठ ने कहा था कि ऐसी पाबंदियां मस्जिदों और दरगाहों में महिलाओं के प्रवेश, गैर पारसियों से शादी करने वाली पारसी महिलाओं के पवित्र अग्नि स्थल में प्रवेश को लेकर भी हैं।

न्यायालय ने वृहद पीठ द्वारा पड़ताल के लिए कानून के सात प्रश्न तय किये। उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने सितंबर,2018 को केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दी थी। 

Web Title: Supreme Court to decide issues today to discuss discrimination against women in religious places

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