उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों पर कांग्रेस सांसद की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: January 28, 2021 15:37 IST2021-01-28T15:37:25+5:302021-01-28T15:37:25+5:30

Supreme Court seeks response from Center on petition of Congress MP on agricultural laws | उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों पर कांग्रेस सांसद की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों पर कांग्रेस सांसद की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 28 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने तीन कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले केरल के कांग्रेस सांसद टी एन प्रतापन की याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र से जवाब मांगा।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और इसे मुद्दे पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ नत्थी कर दिया।

केरल में त्रिसूर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतापन ने आरोप लगाया है कि इन कानूनों से संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार), 15 (भेदभाव करने पर रोक) और 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन हुआ है।

उन्होंने कहा कि कानूनों को ‘‘असंवैधानिक, अवैध और अमान्य’’ बताकर इसे निरस्त कर देना चाहिए।

वकील जेम्स पी थॉमस के जरिए दाखिल याचिका में प्रतापन ने कहा है, ‘‘भारतीय कृषि क्षेत्र छोटी-छोटी जोत में बंटा हुआ है और कुछ ऐसी दिक्कतें हैं जिस पर नियंत्रण पाना मुश्किल है जैसे कि मौसम पर निर्भरता, उत्पादन की अनिश्चितता। बाजार भाव में भी असंतुलन रहता है। इस कारण से कृषि, उत्पादन और प्रबंधन के हिसाब से बहुत जोखिम वाला क्षेत्र है। ’’

याचिका में कहा गया है कि किसान मौसम पर निर्भर रहते हैं। इसलिए कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) की व्यवस्था को और मजबूत किए जाने की जरूरत है।

याचिका में कहा गया, ‘‘केंद्र ने 2015-16 की कृषि गणना से पीएम-किसान कार्यक्रम के भुगतान का आकलन किया है। इसमें खेती की जमीन का उत्तराधिकार रखने वाले 14.5 करोड़ किसानों को लाभार्थी की सूची में शामिल किया गया है।’’

याचिका में कहा गया है कि मामला जनहित का है और इन कानूनों को रद्द किए जाने की जरूरत है क्योंकि ये कृषि से जुड़े 14.5 करोड़ नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

शीर्ष अदालत ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर 12 जनवरी को रोक लगा दी थी और चार सदस्यों वाली कमेटी का भी गठन किया था।

इससे पहले, पिछले साल 28 सितंबर को राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा और द्रमुक के राज्यसभा सदस्य तिरूचि शिवा तथा राकेश वैष्णव द्वारा दाखिल की इसी तरह की याचिकाओं पर न्यायालय ने केंद्र को नोटिस जारी किया था।

ये तीन कानून - कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Supreme Court seeks response from Center on petition of Congress MP on agricultural laws

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे