पिछले 21 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे जोड़े को उच्चतम न्यायालय ने मिलाया

By भाषा | Updated: July 28, 2021 22:02 IST2021-07-28T22:02:40+5:302021-07-28T22:02:40+5:30

Supreme Court reunites the couple who have been fighting a legal battle for the last 21 years | पिछले 21 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे जोड़े को उच्चतम न्यायालय ने मिलाया

पिछले 21 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे जोड़े को उच्चतम न्यायालय ने मिलाया

नयी दिल्ली, 28 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आगे बढ़कर कर 21 साल साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे आंध्र प्रदेश के जोड़े को मिला दिया, जब पत्नी दहेज उत्पीड़न के मामले में पति को सुनाई गई जेल की सजा की अवधि बढ़ाने की अर्जी को वापस लेने पर सहमत हुई। इससे पहले दोनों के बीच मध्यस्थता की तमाम कोशिशें असफल हो गई थीं।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पति और पत्नी का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अपने सामने संवाद कराने का विशेष प्रयास किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे।

महिला शीर्ष अदालत के कामकाज की भाषा अंग्रेजी में असहज थी, ऐसे में प्रधान न्यायाधीश ने स्वयं तेलुगु भाषा में बातचीत की और साथी न्यायाधीश को भी उसके बयान के बारे में बताया।

पति की सजा बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने वाली महिला से प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘अगर आपका पति जेल चला जाएगा, तो अपको मासिक भत्ता भी नहीं मिल पाएगा क्योंकि उसकी नौकरी छूट जाएगी।’’

आंध्र प्रदेश सरकार का कर्मचारी और गुंटुर में तैनात पति की ओर से पेश अधिवक्ता डी रामकृष्णा ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने महिला को तेलुगु में कानूनी स्थिति बताई और स्पष्ट किया कि कैद की अवधि बढ़ने से पति-पत्नी दोनों को लाभ नहीं होगा।

रेड्डी ने प्रधान न्यायाधीश को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘अगर जेल की अवधि बढ़ाई गई तो आपको क्या मिलेगा...आपका मासिक गुजारा भत्ता भी रुक सकता है।’’

महिला ने प्रधान न्यायाधीश की सलाह शांति से सुनी और इसके बाद पति के साथ रहने को सहमत हो गई, बशर्ते उसका और उसके इकलौते बेटे की ठीक से देखभाल पति करे।

शीर्ष अदालत ने पति-पत्नी से दो हफ्ते में अलग-अलग हलफनामा दाखिल करने को कहा है जिसमें जिक्र हो कि वे साथ रहना चाहते हैं। पत्नी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में दाखिल अपील वापस लेने और पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा खत्म करने की अर्जी देने पर भी सहमत हुई। इसके साथ ही पति ने तलाक की अर्जी भी वापस लेने पर सहमति जताई।

गौरतलब है कि दपंति की शादी वर्ष 1998 में हुई थी लेकिन दोनों के रिश्तों में जल्द खटास आ गई, जिसकी वजह से महिला ने वर्ष 2001 में पति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया। दोनों के बीच मध्यस्थता की कई कोशिश की गई लेकिन असफल रही।

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Web Title: Supreme Court reunites the couple who have been fighting a legal battle for the last 21 years

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