निर्भया गैंगरेप: दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 18, 2019 15:01 IST2019-12-18T13:31:33+5:302019-12-18T15:01:58+5:30

दोषियों की आरे से पेश हुए वकील ए. पी सिंह ने अदालत से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु और जल प्रदूषण की वजह से पहले ही लोगों की उम्र कम हो रही है और इसलिए दोषियों को मौत की सजा देने की कोई जरूरत नहीं है।

Supreme Court rejects review petition of Akshay Kumar Singh, one of the convicts in the 2012 Delhi gang-rape case. | निर्भया गैंगरेप: दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार

फाइल फोटो

Highlightsन्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ इस याचिका पर फैसला सुनाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ‘‘मानवता रोती’’ है और यह मामला उन्हीं में से एक है।

उच्चतम न्यायालय निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों में से एक द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। निर्भया बलात्कार मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के खिलाफ एक दोषी अक्षय कुमार सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ इस याचिका पर फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना भी शामिल है। दिल्ली सरकार की ओर से अदालत में याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ‘‘मानवता रोती’’ है और यह मामला उन्हीं में से एक है।

मेहता ने कहा, ‘‘ कई ऐसे अपराध होते हैं जहां भगवान बच्ची (पीड़िता) को ना बचाने और ऐसे दरिंदे को बनाने के लिए शर्मसार होते होंगे। ऐसे अपराधों में मौत की सजा को कम नहीं करना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए।

 

English summary :
A reconsideration petition was filed by Akshay Kumar Singh, a convict, against the 2017 verdict of the apex court to uphold the death sentence of the convicts in the Nirbhaya rape case.


Web Title: Supreme Court rejects review petition of Akshay Kumar Singh, one of the convicts in the 2012 Delhi gang-rape case.

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