उच्चतम न्यायालय ने वक्फ इमारत ढहाए जाने संबंधी पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर यथास्थिति का आदेश दिया

By भाषा | Updated: August 31, 2021 21:52 IST2021-08-31T21:52:58+5:302021-08-31T21:52:58+5:30

Supreme Court orders status quo on Patna High Court's decision on demolition of Waqf building | उच्चतम न्यायालय ने वक्फ इमारत ढहाए जाने संबंधी पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर यथास्थिति का आदेश दिया

उच्चतम न्यायालय ने वक्फ इमारत ढहाए जाने संबंधी पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर यथास्थिति का आदेश दिया

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया जिसमें उच्च न्यायालय के 'शताब्दी भवन' से सटे वक्फ भवन को गिराने के निर्देश दिए गए थे। बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की याचिका पर बिहार सरकार, मुख्य सचिव, पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और अन्य को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर तय की गई। बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा है कि अदालत ने यह निर्णय देते समय न केवल अपने द्वारा तय किए गए मुद्दों से परे बात की, बल्कि प्रस्तावित वक्फ भवन के पूरे ढांचे को सीधे ध्वस्त करने का केवल इसलिए निर्देश दिया, क्योंकि इमारत की ऊंचाई 10 मीटर से अधिक थी, जो बिहार भवन उप-नियम, 2014 की उप-नियम संख्या 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता वक्फ बोर्ड के साथ-साथ सभी राज्य प्राधिकारियों ने कानून का उल्लंघन करने वाले इमारत के हिस्से को ध्वस्त करने (यानी इमारत को 10 मीटर की ऊंचाई के भीतर लाने) के लिए खुद ही सहमति व्यक्त की थी, लेकिन इसके बावजूद पूरी इमारत गिराने का फैसला सुनाया गया। अधिवक्ता एजाज मकबूल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि यह पूरी परियोजना वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 32 के अनुरूप और एक सरकारी वास्तुकार द्वारा मानचित्र / योजना की उचित मंजूरी के साथ शुरू की गई थी। याचिका में दलील दी गई कि उच्च न्यायालय ने इस आधार पर कार्यवाही करके गलती की कि भवन का निर्माण बिना किसी वैध मंजूरी के किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है, ‘‘बिहार भवन उप-नियमों की उप-नियम संख्या आठ (एक) (ए) के अनुसार, यदि योजनाओं पर सरकारी वास्तुकार के हस्ताक्षर हैं, तो राज्य सरकार विभाग/बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों के लिए कोई अलग अनुमति आवश्यक नहीं है।’’ याचिका में कहा गया है कि निर्माण योजनाओं को बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया था और निर्माण के मानचित्र एवं योजना को बिहार राज्य भवन निर्माण निगम के वरिष्ठ वास्तुकार ने मंजूरी दी थी। बिहार राज्य भवन निर्माण निगम एक सरकारी कंपनी है। उच्च न्यायालय के शताब्दी भवन के पास में बन रहे ढांचे को देखते हुए अदालत ने एक मार्च, 2021 को मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और विचार के लिए चार प्रश्न तैयार किए थे। उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त को एक महीने के भीतर 'शताब्दी भवन' से सटे वक्फ भवन को गिराने का आदेश दिया था।

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Web Title: Supreme Court orders status quo on Patna High Court's decision on demolition of Waqf building

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