नारद मामले में ममता बनर्जी, घटक की याचिकाओं पर सुनवाई से अलग हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश

By भाषा | Updated: June 22, 2021 13:01 IST2021-06-22T13:01:56+5:302021-06-22T13:01:56+5:30

Supreme Court judges abstained from hearing the petitions of Mamta Banerjee, Ghatak in Narada case | नारद मामले में ममता बनर्जी, घटक की याचिकाओं पर सुनवाई से अलग हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश

नारद मामले में ममता बनर्जी, घटक की याचिकाओं पर सुनवाई से अलग हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश

नयी दिल्ली, 22 जून उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस ने मंगलवार को नारद स्टिंग टेप मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक की याचिकाओं पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किए जाने के दिन दोनों की भूमिकाओं के संबंध में याचिकाएं दाखिल की गईं।

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति बोस की अवकाशकालीन पीठ जैसे ही आज की सुनवाई शुरू करने के लिए बैठी, न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि उनके साथी न्यायाधीश खुद को इन अपीलों पर सुनवाई से अलग कर रहे हैं।

पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि अब इस विषय को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण के समक्ष रखा जाएगा जो इस संबंध में फैसला ले सकते हैं। याचिकाओं को आज ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है।

शीर्ष अदालत को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी जिनमें एक याचिका राज्य सरकार की है। इन याचिकाओं में 17 मई को सीबीआई द्वारा नारद टेप मामले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री को उनकी भूमिकाओं पर हलफनामे दाखिल करने से इनकार करने के, उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है।

आरोप हैं कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने सीबीआई को मामले में चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद उसका कानूनी कामकाज करने से रोकने में अहम भूमिका अदा की।

राज्य सरकार और कानून मंत्री ने शीर्ष अदालत में अपीलें पहले दायर की थी और मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के नौ जून के आदेश के खिलाफ अपील बाद में दायर की।

उच्चतम न्यायालय ने 18 जून को उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह शीर्ष अदालत द्वारा आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और घटक की याचिका पर विचार करने के एक दिन बाद मामले की सुनवाई करे।

नारद स्टिंग टेप मामले को विशेष सीबीआई अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के अनुरोध वाली एजेंसी की याचिका पर सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने नौ जून को कहा था कि इस मुद्दे पर बाद में विचार किया जाएगा। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बनर्जी और घटक के हलफनामे पर बाद में विचार करने का फैसला किया था।

घटक और राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवकता राकेश द्विवेद्वी और विकास सिंह ने कहा था कि हलफनामों को उच्च न्यायालय की जानकारी में लाना आवश्यक है क्योंकि 17 मई को व्यक्तियों की भूमिका के मामले को वह देख रहा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने देरी होने के आधार पर बनर्जी और घटक के हलफनामों को स्वीकार करने पर आपत्ति जतायी थी तथा दावा किया था कि उनकी दलीलें पूरी होने के बाद हलफनामे दायर किए गए थे।

सीबीआई ने अपने आवेदन में मुख्यमंत्री और कानून मंत्री को पक्षकार बनाया है। एजेंसी ने दावा किया कि चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में धरने पर बैठ गयी थीं, वहीं घटक 17 मई को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष मामले की डिजिटल सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में मौजूद थे।

चारों आरोपियों में मंत्री सुब्रत मुखर्जी और एफ हकीम के अलावा तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी शामिल हैं।

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Web Title: Supreme Court judges abstained from hearing the petitions of Mamta Banerjee, Ghatak in Narada case

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