उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव के मेडिकल कॉलेज पर लगाया पांच करोड़ रुपये का जुर्माना

By भाषा | Updated: February 24, 2021 20:06 IST2021-02-24T20:06:43+5:302021-02-24T20:06:43+5:30

Supreme Court imposes fine of Rs 5 crore on Unnao Medical College | उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव के मेडिकल कॉलेज पर लगाया पांच करोड़ रुपये का जुर्माना

उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव के मेडिकल कॉलेज पर लगाया पांच करोड़ रुपये का जुर्माना

नयी दिल्ली, 24 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने छात्रों को दाखिला देने में ‘भारतीय चिकित्सा परिषद’ (एमसीआई) के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर बुधवार को उन्नाव के एक निजी मेडिकल कॉलेज पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने यह उल्लेख किया कि सरस्वती मेडिकल कॉलेज ने मेडिकल शिक्षा महानिदेशक (डीजईएमई) उत्तर प्रदेश से सहमति लिए बगैर ही खुद से 132 छात्रों को दाखिला दे दिया।

हालांकि, पीठ ने कहा कि छात्रों के दाखिले को रद्द करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा, लेकिन उन्हें उनका एमबीबीएस पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद दो साल सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया क्योंकि वे लोग बेकसूर नहीं हैं और उन्हें पता था कि उनके नाम की सिफारिश डीजीएमई ने नहीं की थी।

न्यायालय ने कहा कि कॉलेज ने 132 छात्रों को अपने मन से दाखिला दिया। इसके बाद उन्हें अध्ययन जारी रखने की अनुमति दी, जबकि एमसीआई ने उन्हें निकालने का निर्देश दिया था।

न्यायालय ने कहा, ‘‘कॉलेज द्वारा अकादमिक सत्र 2017-18 के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में 132 छात्रों को दाखिला देना नियमों का इरादतन उल्लंघन है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता कॉलेज को इस न्यायालय की रजिस्ट्री में आज से आठ हफ्तों के अंदर पांच करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया जाता है।’’

शीर्ष न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज को यह निर्देश भी दिया कि यह राशि किसी भी रूप में छात्रों से नहीं वसूली जाए।

न्यायालय ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएसी) एक न्यास (ट्रस्ट) बनाने का निर्देश देते हैं। न्यास में उत्तर प्रदेश के अकाउंटेंट जनरल, एक प्रख्यात शिक्षाविद और राज्य के एक प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए। ’’

पीठ ने कहा, ‘‘न्यास का गठन याचिकाकर्ता कॉलेज द्वारा जमा किये जाने वाले पांच करोड़ रुपये के प्रबंधन के लिए किया जाएगा। न्यास , उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में दाखिल लेने के इच्छुक एवं जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा। ’’

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि एक कार्रवाई स्थिति रिपोर्ट (एटीआर) और ‘ट्रस्ट-डीड’ की प्रति एनएमसी द्वारा आज से 12 हफ्तों के अंदर न्यायालय में दाखिल की जाए।

शीर्ष न्यायालय ने सरस्वती एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा। याचिका के जरिए एमसीआई के 29 सितंबर 2017 के नोटिस को चुनौती दी गई थी। नोटिस में सरस्वती मेडिकल कॉलेज को 2017-18 अकादमिक वर्ष के लिए दाखिला लिए गये 150 छात्रों में 132 को निकालने को निर्देश दिया गया था।

वहीं, 71 छात्रों ने भी एक याचिका दायर की थी, जिन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने देने की अनुमति देने संबंधी निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था।

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Web Title: Supreme Court imposes fine of Rs 5 crore on Unnao Medical College

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