सुप्रीम कोर्ट में आज एनआरसी के मुद्दे पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। केंद्र, राज्य सरकार एनआरसी में शामिल नागरिकों के नमूने के सत्यापन के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे। केंद्र और राज्य सरकार का कहना है कि बांग्लादेश की सीमा से लगते इलाकों में गलत तरीके से लोगों को इसमें शामिल किया गया है। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि भारत दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकता। केंद्र, असम सरकार ने असम एनआरसी के अंतिम रूप के लिए उच्चतम न्यायालय से 31 जुलाई की समयसीमा बढ़ाने की मांग की।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बांग्लादेश के साथ लगते जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लाखों लोगों को गलत रूप से असम एनआरसी में शामिल किया गया। इस मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
केंद्र ने कहा कि असम में एनआरसी में गलत तरीके से कुछ लोगों को शामिल किये जाने और कुछ लोगों को उससे बाहर रखे जाने का पता लगाने के लिए 20 फीसद नमूना सर्वेक्षण के सत्यपान की अनुमति दी जाए। केंद्र और असम सरकारों ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि हमें एनआरसी में शामिल लोगों के लिए नमूना सत्यापन की प्रक्रिया पर फिर से विचार करने की जरूरत है।