आरे में पेड़ों की कटाई का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज स्पेशल बेंच तत्काल आधार पर करेगी सुनवाई
By भाषा | Updated: October 7, 2019 07:55 IST2019-10-07T07:46:53+5:302019-10-07T07:55:57+5:30
महाराष्ट्र राज्य के आरे वन्य क्षेत्र में पेड़ गिराये जाने के संबंध में रिषव रंजन के छह अक्टूबर, 2019 के पत्र के आधार पर यह निर्णय लिया गया है और इस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज किया गया है।

आरे में पेड़ों की कटाई का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज स्पेशल बेंच तत्काल आधार पर करेगी सुनवाई
मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने लॉ स्टूडेंट्स की ओर से पेड़ों को काटने के विरोध में लिखे गए लेटर को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई की बात कही है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच का गठन भी कर दिया है। पिछले कई दिनों से पर्यावरण प्रेमी और कार्यकर्ता मेट्रो शेड के लिए सैकड़ों की संख्या में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर तत्काल सुनवाई करने के बाबत नोटिस डाला गया है जिसके अनुसार, ‘‘संज्ञान लिया जाए कि मामले में कल सात अक्टूबर, 2019 को सुबह 10 बजे सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया गया है। महाराष्ट्र राज्य के आरे वन्य क्षेत्र में पेड़ गिराये जाने के संबंध में रिषव रंजन के छह अक्टूबर, 2019 के पत्र के आधार पर यह निर्णय लिया गया है और इस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज किया गया है।’’
पर्यावरण कार्यकर्ता उत्तरी मुंबई की आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। मेट्रो की रेक का डिपो बनाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने पेड़ काटने के मुंबई नगर निगम के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने शनिवार को पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
बीएमसी ने शुक्रवार रात से ही भारी सुरक्षा के बीच आरे में पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। इस दौरान स्थानीय लोगों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने विरोध किया और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। मुंबई पुलिस ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में 29 आंदोलनकारियों को गिरफतार किया था, जिनको मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी है।