उच्चतम न्यायालय ने आप नेता संजय सिंह को कथित तौर पर नफरत फैलने वाले बयान मामलों में सुरक्षा दी

By भाषा | Updated: February 9, 2021 13:32 IST2021-02-09T13:32:42+5:302021-02-09T13:32:42+5:30

Supreme Court granted protection to AAP leader Sanjay Singh in alleged hate propaganda cases | उच्चतम न्यायालय ने आप नेता संजय सिंह को कथित तौर पर नफरत फैलने वाले बयान मामलों में सुरक्षा दी

उच्चतम न्यायालय ने आप नेता संजय सिंह को कथित तौर पर नफरत फैलने वाले बयान मामलों में सुरक्षा दी

नयी दिल्ली, नौ फरवरी उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता एवं राज्य सभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले बयान के मामलों में किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से मंगलवार को उनको सुरक्षा प्रदान की।

उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को इन मामलों में सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्यसभा के सभापति से मंजूरी लेने से रोका नहीं जा रहा है ।

न्यायालय ने सिंह की उन दो याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले बयान मामले में दर्ज अनेक प्राथमिकियों को एक साथ करने और उन्हें रद्द करने का अनुरोध किया है। ये प्राथमिकियां पिछले वर्ष 12 अगस्त को सिंह द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद दर्ज की गई थीं। सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार समाज के एक खास वर्ग की तरफदारी कर रही है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने सुनवाई के दौरान सिंह के वकील के कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांट नहीं सकते।

सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता विवेक तन्खा और सुमीर सोढ़ी ने कहा पुलिस ने मामला दर्ज करते वक्त प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और राज्य सभा के सांसद के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंजूरी नहीं ली गई।

इस पर पीठ ने कहा कि वह इस चरण में मंजूरी के पहलू पर गौर नहीं करेंगे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सिंह के खिलाफ कोई अपराध नहीं लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि दो फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने सिंह को लखनऊ में दर्ज एक प्राथमिकी पर जारी गैर जमानती वारंट से सुरक्षा देने से इनकार किया था।

आप नेता ने संवाददाता सम्मेलन के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को रद्द किए जाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

उन्होंने आरोप लगाया था कि ये प्राथमिकियां ‘‘दुर्भावनापूर्ण तरीके से राजनीतिक बदले की भावना के तहत दर्ज’’ की गई थीं।

सिंह ने एक अन्य याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 21 जनवरी के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें लखनऊ में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया था। सिंह ने अपने खिलाफ दर्ज अनेक प्राथमिकियों को रद्द करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका में कहा है, ‘‘संबंधित संवाददाता सम्मेलन में याचिकाकर्ता ने केवल खास सामाजिक मुद्दे और बिना नाम लिए सरकार द्वारा समाज के एक विशेष वर्ग के प्रति सहानुभूति रखने जैसे सवाल उठाए थे।’’

आप नेता ने कहा है कि संवाददाता सम्मेलन के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानों में भाजपा के सदस्यों के इशारे पर उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गईं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में उन्हें लखनऊ, संत कबीरनगर, खीरी, बागपत,मुजफ्फरनगर ,बस्ती और अलीगढ़ जैसे आठ जिलों में दर्ज केवल आठ प्राथमिकियों के बारे में ही जानकारी है।

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Web Title: Supreme Court granted protection to AAP leader Sanjay Singh in alleged hate propaganda cases

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