उच्चतम न्यायालय ने विमानवाहक पोत ‘विराट’ को संग्रहालय में तब्दील करने की याचिका खारिज की

By भाषा | Updated: April 12, 2021 16:24 IST2021-04-12T16:24:11+5:302021-04-12T16:24:11+5:30

Supreme Court dismisses petition to convert aircraft carrier 'Virat' into museum | उच्चतम न्यायालय ने विमानवाहक पोत ‘विराट’ को संग्रहालय में तब्दील करने की याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने विमानवाहक पोत ‘विराट’ को संग्रहालय में तब्दील करने की याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने सेवा से बाहर किए गए भारत के विमानवाहक पोत ‘विराट’ के संरक्षण और इसे संग्रहालय में तब्दील करने का अनुरोध करने वाली एक निजी कंपनी की याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि रक्षा मंत्रालय ने सेवा से बाहर किए गए विमानवाहक पोत के संरक्षण संबंधी निजी कंपनी एन्वीटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिवेदन को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

पीठ ने कहा, “आप यह नहीं कर सकते हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने आपको सरकार के समक्ष प्रतिवेदन देने को कहा। आपने वह किया। सरकार (रक्षा मंत्रालय) ने इसे खारिज कर दिया। आपको इसको चुनौती नहीं देनी चाहिए।”

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चली कार्यवाही में, पीठ ने एन्वीटेक मरीन की प्रतिनिधि रुपाली शर्मा की इन दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि यह “राष्ट्रीय खजाना” है और इसे संरक्षित किए जाने की जरूरत है।

पोत के खरीदार श्री राम ग्रुप की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा, “उन्होंने रक्षा मंत्रालय का रुख किया। मंत्रालय ने ना कह दिया। मामला यहीं समाप्त होता है। याचिका का निस्तारण किया जाए।”

सेंटॉर श्रेणी का विमानवाहक पोत, आईएनएस विराट ने मार्च 2017 में सेवा से बाहर किए जाने से पहले 29 साल तक भारतीय नौसेना में सेवा दी।

‘विराट’ पिछले साल सितंबर में मुंबई से गुजरात के अलंग पोत तोड़फोड़ यार्ड में पहुंचा था और उसके तोड़ने की प्रक्रिया जारी है।

विराट, भारत का दूसरा विमानवाहक पोत है जिसे तोड़ने की इजाजत दी गई है। इससे पहले 2014 में ‘विक्रांत’ को मुंबई में तोड़ा गया था।

गुजरात के भावनगर जिले के अलंग स्थित श्री राम ग्रुप ने पिछले साल जुलाई में एक नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में विराट को खरीदा था और पिछले साल दिसंबर में उसे तोड़ना शुरू कर दिया था।

पीठ ने ‘विराट’ को तोड़ने की स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद निजी कंपनी से पूछा था कि जब युद्धपोत की वैध खरीद के बाद उसका 40 प्रतिशत हिस्सा तोड़ा जा चुका है, तब वह उसे संग्रहालय बनाने के लिए क्यों लेना चाहते हैं।

इसपर कंपनी की प्रतिनिधि ने कहा था कि वह तोड़फोड़ की स्थिति का निरीक्षण करना चाहती हैं और कहा था कि “दुनिया भर में ऐसे युद्धपोतों को संरक्षित रखा जाता है।

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Web Title: Supreme Court dismisses petition to convert aircraft carrier 'Virat' into museum

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