सुप्रीम कोर्ट की निर्देश, डॉक्टर और नर्स कोरोना योद्धा को सुरक्षा प्रदान करें

By भाषा | Updated: June 17, 2020 15:11 IST2020-06-17T15:11:58+5:302020-06-17T15:11:58+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि कोरोना वॉरियर डॉक्टरों और नर्सों को सुरक्षा प्रदान किया जाए। इस बीच, दिल्ली सरकार ने न्यायालय से कहा कि वह मरीजों की देखभाल, शवों के प्रबंधन और कोरोना की जांच की संख्या बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है।

Supreme Court directive provide protection to doctor and nurse Corona warrior | सुप्रीम कोर्ट की निर्देश, डॉक्टर और नर्स कोरोना योद्धा को सुरक्षा प्रदान करें

सुप्रीम कोर्ट की निर्देश, डॉक्टर और नर्स कोरोना योद्धा को सुरक्षा प्रदान करें

Highlightsउच्चतम न्यायालय ने कहा कि चिकित्सक और नर्स कोरोना योद्धा हैं जिन्हें संरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।दिल्ली सरकार ने न्यायालय से कहा कि वह मरीजों की देखभाल, शवों के प्रबंधन और कोविड-19 की जांच की संख्या बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि चिकित्सक और नर्स कोरोना योद्धा हैं जिन्हें संरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने न्यायालय से कहा कि वह मरीजों की देखभाल, शवों के प्रबंधन और कोविड-19 की जांच की संख्या बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ को दिल्ली सरकार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सूचित किया कि लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल का केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दौरा किया था और इसके बाद से वहां स्थिति में सुधार हुआ है।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली में कोरोना वायरस के लिये निर्दिष्ट लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के बगल में शव रखे होने के ‘लोमहर्षक’ दृश्यों का 12 जून को स्वत: संज्ञान लिया था और इसे गंभीरता से लेते हुये सख्त लहजे में कहा था कि यह सरकारी अस्पतालों की दयनीय हालत बयां कर रहे हैं।

न्यायालय ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात के मुख्य सचिवों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने और अस्पतालों में मरीजों की देखभाल का प्रबंध दुरूस्त करने का निर्देश दिया था। पीठ ने अपने आदेश में निर्देश दिया था कि राज्यों के मुख्य सचिव अपने-अपने राज्य के सरकारी अस्पताल में मरीजों के प्रबंधन की स्थिति का तत्काल उचित संज्ञान लेंगे और सुधारात्मक कार्रवाई करेंगे।

सरकारी अस्पतालों, मरीजों की देखभाल और स्टाफ के विवरण तथा सुविधाओं आदि के बारे में स्थिति रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें ताकि आवश्यकता महसूस होने पर उचित निर्देश दिये जा सकें। कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों के शवों के मामले में न्यायालय ने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है और अस्पताल शवों के प्रति अपेक्षित सावधानी नहीं बरत रहे हैं।

न्यायालय ने कहा, ‘‘मीडिया की खबरों के अनुसार, मरीजों के परिजनों को मरीज की मृत्यु के बारे में कई कई दिन तक जानकारी नहीं दी जा रही है। यह भी हमारे संज्ञान में लाया गया है कि शवों के अंतिम संस्कार के समय और अन्य विवरण से भी मृतक के निकट परिजनों को अवगत नहीं कराया जा रहा है। इस वजह से मरीजों के परिजन अंतिम बार न तो शव देख पा रहे हैं और न ही अंतिम संस्कार में शामिल हो पा रहे हैं।’’ 

Web Title: Supreme Court directive provide protection to doctor and nurse Corona warrior

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