लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट ने टाटा की परियोजना रद्द की, पर्यावरण बदहाली को सबसे बड़ा खतरा बताया

By भाषा | Updated: November 5, 2019 23:17 IST

पीठ ने कहा, ‘‘हमारे प्राकृतिक वातावरण पर प्रतिकूल असर डालने की कीमत पर हो रहा विकास और शहरीकरण मानव सभ्यता की तबाही की वजह बनेगा जैसा कि उत्तराखंड में 2013 और केरल में 2018 में आयी बाढ़ के तौर पर देखा जाता है।’’

Open in App
ठळक मुद्दे शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी उस फैसले पर आयी है जिसमें उसने चंडीगढ़ की सुखना झील के समीप टाटा एचडीसीएल की महत्वाकांक्षी आवासीय परियोजना, केमलॉट को दी मंजूरी इस आधार पर रद्द कर दी कि यह ‘‘वन्यजीव अभयारण्य’’ के बेहद नजदीक है। न्यायालय ने कहा कि पंजाब सरकार ने मनमाने ढंग से काम किया और वह ‘‘जनता के विश्वास के सिद्धांत’’ को बरकरार रखने में नाकाम रही।

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि पर्यावरण और वन्य जीवन की बदहाली पृथ्वी और मानव सभ्यता के लिए आज ‘‘सबसे बड़ा खतरा’’ है।

शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही टाटा एचडीसीएल की महत्वाकांक्षी आवासीय परियोजना, ‘केमलॉट’ को दी मंजूरी रद्द कर दी। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी उस फैसले पर आयी है जिसमें उसने चंडीगढ़ की सुखना झील के समीप टाटा एचडीसीएल की महत्वाकांक्षी आवासीय परियोजना, केमलॉट को दी मंजूरी इस आधार पर रद्द कर दी कि यह ‘‘वन्यजीव अभयारण्य’’ के बेहद नजदीक है।

न्यायालय ने कहा कि पंजाब सरकार ने मनमाने ढंग से काम किया और वह ‘‘जनता के विश्वास के सिद्धांत’’ को बरकरार रखने में नाकाम रही।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘पृथ्वी तथा मानव सभ्यता के लिए आज सबसे बड़ा खतरा पर्यावरण और वन्य जीवन की बदहाली है।

वनस्पति और जीव जंतु को बचाने की फौरन जरूरत है जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का प्रमुख हिस्सा है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हमारे प्राकृतिक वातावरण पर प्रतिकूल असर डालने की कीमत पर हो रहा विकास और शहरीकरण मानव सभ्यता की तबाही की वजह बनेगा जैसा कि उत्तराखंड में 2013 और केरल में 2018 में आयी बाढ़ के तौर पर देखा जाता है।’’

उच्चतम न्यायालय का यह फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश के खिलाफ टाटा हाउसिंग डेवलेपमेंट कंपनी लिमिटेड (टीएचडीसीएल) की अपील पर आया है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि परियोजना स्थल ‘‘सुखना झील और वन्यजीव अभयारण्य के इलाके का हिस्सा पाया गया है’’ और परियोजना को नगर पंचायत द्वारा दी गई मंजूरी को रद्द किया जाता है।

शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘‘मनुष्य के साथ-साथ वन्यजीवन पूरी तरह से अपने अस्तित्व के लिए पर्यावरण पर निर्भर है। मनुष्य पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर है।

मनुष्य की तरह ही वन्यजीवन भी पर्यावरण पर निर्भर है और पर्यावरण से प्रभावित होता है।’’ उसने कहा, ‘‘मनुष्य और जीव जंतुओं के बीच के संबंध को खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल से समझा जा सकता है।

वन्यजीवन कई वजहों जैसे कि आबादी, वनों की कटायी, शहरीकरण, उद्योगों की अधिक संख्या, रासायनिक कूड़ा करकट, अनियोजित भूमि इस्तेमाल नीतियां और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से प्रभावित हुआ है।’’ 

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टपंजाबटाटा
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

क्रिकेटSyed Mushtaq Ali T20: 52 गेंद, 148 रन, 8 चौके और 16 छक्के?, अभिषेक शर्मा से दहला बंगाल, 12 गेंद में फिफ्टी, मोहम्मद शमी ने 24 गेंद में लुटाए 61 रन

बॉलीवुड चुस्कीमौत के 3 साल बाद सिद्धू मूसेवाला का गाना 'बरोटा' हुआ रिलीज, यूट्यूब पर हुआ वायरल

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: सिद्धू मूसेवाला की हत्या के 3 साल बाद उनका नया सॉन्ग 'बरोटा' हुआ रिलीज़, YouTube के म्यूज़िक ट्रेंडिंग चार्ट पर #1 पर पहुँचा

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे